Report: Media Sarkar Bureau
दुबारा सत्ता में आने के बाद भाजपा पहले से ज्यादा आक्रामक हो गई है . बात चाहे तीन तलाक की हो या फिर 370 की सबको भाजपा ने जमकर भुनाया है और अभी भी भाजपा अपनी उस रणनीति पर चलती जा रही है . पिछले लोक सभा चुनाव के समय जिसतरह से भाजपा ने पुलवामा हमले और सर्जिकल स्ट्राईक को चुनावी मुद्दा बनाकर आमलोगों के बीच अपनी पैठ बनाकर भाजपा को जीत का सेहरा पहनाया अब महाराष्ट्र और हरियाणा में भी भाजपा उसी प्रयोग को दुहरा रही है .
महाराष्ट्र के चुनाव में भाजपा को कांग्रेस और एन सी पी दोनो को पटखनी देनी है ऐसे में भाजपा के चाणक्य मानेजाने वाले अमित शाह ने चुनावी अभियान में इसीतरह के मुद्दों को उठाकर दो तरफा वार किया है.
कश्मीर पर कांग्रेस-NCP को अमित शाह का जवाब- खून की नदियां छोड़ो, एक गोली भी नहीं चली
महाराष्ट्र के सांगली में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐतिहासिक प्रस्ताव लेकर आए, जिसके तहत कश्मीर से धारा 370 को खत्म कर दिया गया.
शाह ने कांग्रेस-एनसीपी को धारा 370 पर घेरा,कांग्रेस-NCP के 15 सालों से ज्यादा 5 साल में किया हमने – शाह
अमित शाह ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कांग्रेस और एनसीपी ने 370 हटाने का विरोध किया और ये तक कहा कि कश्मीर में खून की नदियां बह जाएंगी. 5 अगस्त 2019 को 370 हटाई गई है, अब 5 अक्टूबर भी बीत गई है. खून की नदियां तो छोड़िए कश्मीर में एक गोली भी नहीं चलानी पड़ी है.’
इतना ही नहीं इसके पहले अमित शाह ने हरियाणा में कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए राहुल गांधी पर तल्ख रुख अख्तियार करते हुए कहा – भारत माता का विरोध करोगे तो जाओगे जेल.
अमित शाह ने राष्ट्रीय मुद्दों के साथ साथ स्थानीय मुद्दों को भी जारदार तरीके से उठाया और आंकड़े के साथ विरोधियों पर वार किया.अमित शाह ने कहा कि केंद्र और महाराष्ट्र में कांग्रेस और NCP की सरकार थी, तो उन्होंने महाराष्ट्र को 5 साल में केवल 1 लाख 15 हजार 500 करोड़ रुपये दिए. जबकि पीएम मोदी और देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनी तो पीएम मोदी ने 2 लाख 86 हजार 356 करोड़ रुपया महाराष्ट्र के विकास के लिए दिया.
कुल मिलाकर अमित शाह ने अपने अभियान में एक साथ सभी पर चौतरफा हमला कर यो जता दिया कि आनेवाले समय में फिलहाल कांग्रेस एन सी पी समेत विरोधी दलों के लिए सियासी सफर आसान नहीं .