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भूटान में हुई हेलिकॉप्टर दुघर्टना में शहीद हुए लेफ्टिनेंट कर्नल की मौत से शोक में डूबा पूरा मारंडा शहर
आज ही रजनीश का जन्म दिन है
लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश परमार उड़ान पर जाने पहले अपने पिता से बातें कर रहे थे और जाते जाते कहा था कि लौटकर आउंगा तो फिर बातें करुंगा. गौरतलब यह है कि आज ही रजनीश का जन्म दिन है.हिमाचल प्रदेश जिला कांगड़ा के पालमपुर उपमंडल के सुलह के रहने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश परमार का भूटान में हेलीकाप्टर दुर्घटना में देहांत हो गया। आज ही के दिन उनका जन्मदिन भी था।
भारतीय सेना के एविएशन में वर्ष 2007 में ज्वाइन किया था
हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश परमार ने दिल्ली से प्लस टू की परीक्षा पास करने के उपरांत वर्ष 2000 में आईएमए देहरादून में प्रवेश किया था। फिर उन्होंने भारतीय सेना के एविएशन में वर्ष 2007 में ज्वाइन किया था। वर्तमान में शहीद हुए लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश परमार असम के मिस्सामरी में बतौर इंस्ट्रेक्टर तैनात थे। उनकी शादी 10 दिसंबर 2006 को हीना परमार के साथ हुई थी।
एक बेटा अभिराज परमार (11 वर्ष) है जो बीकानेर में ही पढ़ता है
उनका एक बेटा अभिराज परमार (11 वर्ष) है जो बीकानेर में ही पढ़ता है। शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश परमार के चाचा वेद परमार ने बताया कि शहीद की पार्थिव देह शनिवार को कांगड़ा एयरपोर्ट पहुंचेगी।
शहीद रजनीश परमार का छोटा भाई निखिल परमार भी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल है। रजनीश परमार के पिता मुख्त्यार परमार भारतीय रेलवे से जूनियर वारंट ऑफिसर रिटायर हुए हैं।
इंडियन मिलिट्री ट्रेनिंग टीम का चीता हेलिकॉप्टर खिरु (अरुणाचल प्रदेश) से योंगफुल्ला (भूटान) के रास्ते पर था, जब वह दोपहर करीब 1 बजे पहाड़ी पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। घटना तब हुई जब भारतीय सेना का हेलिकॉप्टर लैंडिंग के लिए योंगफ्लाला से संपर्क कर रहा था, लेकिन इसके बजाय, यह पास के पहाड़ी खोंगमंगानी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
भारतीय और भूटानी सेना के दोनों अधिकारी मौके पर ही मारे गए। हेलीकॉप्टर दोपहर 1 बजे के बाद रेडियो और दृश्य संपर्क से बाहर हो गया। भारतीय सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा, यह ड्यूटी पर खिरु (अरुणांचल प्रदेश) से योंगफुला तक एन-रूट था।