Report : Media Sarkar Bureau
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से कश्मीर के हालात पर दो तरह के पक्ष सामने आ रहे हैं। इन मामलों पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम अदालत ने सरकार से कहा कि जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए सामान्य स्थिति बहाल होनी चाहिए।चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर की एक पीठ ने अधिकारियों से कहा कि घाटी में सामान्य जीवन बहाल करें और कल्याणकारी सुविधाएं लोगों तक पहुंचाएँ।
जल्द से जल्द सामान्य हालात बहाल हों
न्यायालय ने केंद्र से कश्मीर में जल्द से जल्द स्थिति सामान्य करने के लिए हरसंभव कदम उठाने को भी कहा। उसने कहा कि घाटी में अगर तथा-कथित बंद है तो उससे जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय निपट सकता है। कश्मीर टाइम्स अखबार की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की ओर से जम्मू कश्मीर में संचार माध्यमों पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की मांग करने वाली याचिका पर न्यायालय ने ये निर्देश दिए.
केंद्र की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि एक गोली भी नहीं चलाई गई और कुछ स्थानीय प्रतिबंध लगे हैं। कश्मीर संभाग के 88 प्रतिशत से अधिक थाना क्षेत्रों से प्रतिबंध हटा दिए गए हैं।उन्होंने पीठ से कहा कि कश्मीर स्थित सभी समाचार पत्र काम कर रहे हैं और सरकार हरसंभव मदद मुहैया करा रही है।उन्होंने कहा कि दूरदर्शन जैसे टीवी चैनल और अन्य निजी चैनल, एफएम नेटवर्क काम कर रहे हैं।
साथ ही सुप्रीम अदालत ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने के खिलाफ अन्य नई याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि वह अनुच्छेद 370 पर याचिकाओं की संख्या बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। पीठ ने कहा कि इस मामले में जो भी बहस करना चाहते हैं, वे पक्षकार बनने के लिए आवेदन दायर कर सकते हैं।