Report: Ankur Kumar, Patna Media sarkar
अच्छी और पुख्ता व्यवस्था के साथ बिहार में किसी शिक्षण संस्थान की बात की जाए तो निश्चित ही अभी भी इसका नितांत अभाव यहां दिखता है.लेकिन इस मिथक को हालफिलहाल में किसी ने तोड़़कर दिखाया है तो वो है बिहार में सुदूर में बसे एक खास संस्थान ने तो वह है पिछड़े इलाके में इसी सेशन ने शुरू हुआ मेडिकल क़ालेज , मधुबनी मेडिकल क़ॉलेज.
मधुबनी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल अब पूरे देश भर मे अपना परचम लहरा रहा है। ये बहुत गर्व की बात है।
एम सी आई द्वारा 150 सीटों की अनुमति मिलने के बाद इस बार पहले बैच का एडमिशन हुआ,गौरतलब बात यह है कि अभी तक बिहार के अस्सी फीसदी बच्चे मेडिकल समेत अन्य तकनीकि शिक्षा के लिए विदेश या दक्षिण के संस्थानो का रुख करते रहे हैं परंतु इसबार से शुरू हुए मधुबनी मेडिकल कॉलेज में दक्षिण के छात्रों ने भी एडमिशन लिया है.
MILLI ट्रस्ट के द्वारा संचालित इस कॉलेज में पहले से ही 400 बेड का आधुनिकतम सुविधावाला हॉस्पीटल चल रहा है जो इस बैच के स्टूडेंट के लिए वरदान तो है ही साथ ही कई सालों से चल रहे इस अस्पताल का स्वास्थ के क्षेत्र में बड़ा योगदान रहा है .लगभग 25 एकड़ मेंं बने इस कॉलेज में छात्रों और छत्राओं के लिए अनुकूल व्यवस्था की गयी है. बातचीत के दौरान मेडिकल कॉलेज के निदेशक ने कहा कि यह सपना उनके पिता डा0 फैयाज अहमद खान का है जो अब पूरा हुआ है . वो इसे अभी और उंचाई देना चाहते है. इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ख्याति और सुविधा देने का मिशन मानकर लगे हुए हैं.
आलिशान कैम्पस में धुसते ही वाकई ये बात समझ में आते देर नहीं लगी ,खासकर सामने ही जब दक्षिण का एक छात्र अपने अभिभावक के साथ मिला और सवाल करते ही कई जबाब दे गया . सबसे पहले तो टूटी फूटी हिंदी में उसने प्रबंधन और यहां के स्टाफ के बारे में कहा कि उसे यहां धर की कमी नहीं खलेगी ,कॉलेज द्वारा जिस तरह के खाने की व्यवस्था की गयी वो तो बेहतरीन अनुभव नजर आया.
छात्रों और छत्राओं के लिए अलग अलग हॉस्टल की व्यवस्था है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी हैं , ये अलग बात है कि अभी भी यहां निर्माण कार्य जारी है . कैम्पस के अंदर ही कर्मचारियों के निवास की भी व्यवस्था है,
यहां के प्रबंधन की एक खासियत और नजर आई कि लाचार और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को फी में रियायत देकर बड़ा नेक काम किया जाता है .इसके अलावा भी प्रबंधन हरेक मोर्चे पर साथ दिखने का वादा भी करता है जो आज के व्यवसायिक परिवेश मे अव्वल काम नजर आता है .
हालांकि कॉलेज के निदेशक और प्रिंसपल के अनुसार बिहार के छात्रों की तादाद ज्यादा है लेकिन साथ ही उन्होने यह भी माना कि बिहार से बाहर और सुदूर दक्षिण के भी कई छात्रों ने इसे सराहा है, भागलपुर से आए छात्र ऋषि कुमार के अनुसार उसे इस कदर अंदाजा नहीं था कि बिहार और मधुबनी जैसे जिले में इतना व्यवस्थित कॉलेज भी हो सकता है पर यह हकीकत है .उसे यकीन है उसे यहां पढ़ाई में मन लगेगा और आनेवाले दिनों में यह संस्थान आसमान की उंचाई को छूएगा.