Report : Media Sarkar Bureau
हिंदी को लेकर राजनीतिक रार बढ़ती जा रही है। विपक्षी पार्टयों और विरोधी नेताओं के बाद अब बीजेपी के अंदर भी हिंदी को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने साफ साफ शब्दों में हिंदी को सर्वमान्य भाषा बनाने का विरोध कर दिया है। यह निश्चित तौर पर अमित शाह के उद्देश्यों के लिए चिंता का विषय है।
कर्नाटक में तो कन्नड़ ही चलेगी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने की अपील के बाद कर्नाटक में भाजपा के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को कहा कि कोई कुछ भी कहे, लेकिन राज्य में सिर्फ कन्नड़ ही चलेगी। हम अपनी मातृभाषा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे।
All official languages in our country are equal. However, as far as Karnataka is concerned, #Kannada is the principal language. We will never compromise its importance and are committed to promote Kannada and our state’s culture.
— CM of Karnataka (@CMofKarnataka) September 16, 2019
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने भी कहा कि हम अपनी मातृभाषा से कोई समझौता नहीं करेंगे। इसके पहले मशहूर फिल्म अभिनेता कमल हासन भी एक वीडियो के जरिए यह संदेश दे चुके हैं कि वो तमिल भाषा से समझौता करने को तैयार नहीं है।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस के मौके पर यह कहा था कि हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाई जानी चाहिए। अमित शाह की इस अपील का जिस तरीके से हिंदी भाषी प्रदेशों ने स्वागत किया ठीक उसी तरह गैर हिंदी भाषी प्रदेशों में इसका जमकर विरोध शुरु हो चुका है ।