Report: Sanjeev Kumar,Senior Journalist
दोबारा पी एम बनने के बाद पहला कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में हाउडी मोदी कार्यक्रम में 50,000 भारतीयों को एकसाथ संबोधित करेंगे। ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम 22 सितंबर को आयोजित होगा और इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल होंगे। यह एक ऐतिहासिक पल होगा जब पहली बार दो ताकतवर देशों के प्रमुख एकसाथ एक मंच पर दिखेंगे और भारतीय समुदाय के 50 हजार से अधिक लोगों को दुनिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देशों के नेता एक साथ संबोधित करेंगे। बता दें, पीएम नरेंद्र मोदी के दोबारा सत्ता में आने के बाद यह उनका अमेरिका में पहला कार्यक्रम है।
व्हाईट हाउस के अनुसार ये एक ऐतिहासिक कार्यक्रम होगा
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने एक बयान में कहा, ‘रविवार, 22 सितंबर 2019 को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच महत्वपूर्ण साझेदारी को रेखांकित करने के लिए ह्यूस्टन, टेक्सास और वैपकोनेटा, ओहियो की यात्रा करेंगे।ह्यूस्टन में, राष्ट्रपति ट्रम्प भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक कार्यक्रम में भाग लेंगे।’ आगे कहा गया कि, ‘ द इवेंट, हाउडी, मोदी! सपनों और सुनहरे भविष्य को लेकर है। इस कार्यक्रम में हजारों लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।’इसके अलावा, डेमोक्रेट नेता स्टेनी होयर भी यहां सभा को संबोधित करने वाले हैं।यह दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए मजबूत द्विदलीय समर्थन को भी दर्शाता है।
2013 में अमरिका ने मोदी को वीजा देने से मना किया था
2013 में अमेरिका की एक अधिकारी ने कहा था कि गुजरात में 2002 में हुए दंगों में वहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को लेकर बहुत संदेह है और उनको अमेरिका का वीजा नहीं दिया जाना चाहिए.
मोदी के भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार के तौर पर उभरने पर टिप्पणी करने के लिए कहे जाने पर अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की उपाध्यक्ष कैटरीना लैंटोस स्वेट ने न्यूयार्क टाइम्स से कहा था, ‘देश के बाहर या किसी व्यक्ति की इसमें कोई भूमिका है या नहीं पर वहां सोचे कि भारत का अगला नेता कौन होना चाहिए . लेकिन मेरा यह मानना है कि भारत के लोगों को इस पर बहुत ध्यान से सोचना होगा कौन अगला प्रधानमंत्री बनना चाहता है.’
यह सरकारी आयोग पूरी दुनिया में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लघंन की निगरानी करता है और अमेरिकी राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और कांग्रेस के लिए गैर बाध्यकारी नीतियां बनाता है.जब उनसे कहा गया कि भारतीय न्यायालय में मोदी के खिलाफ 2002 के दंगों में भूमिका का कोई साक्ष्य नहीं मिला है, तो उन्होंने कहा, ‘निश्चित ही हमारी न्याय व्यवस्था में आप दोषी नहीं पाए जा सकते, लेकिन यह निर्दोष होने की स्थिति नहीं है. इन घटनाओं के संदर्भ में हमें अपने कानून का पालन करना चाहिए जिसके मुताबिक हमें वीजा नहीं देना चाहिए.’
अब परिस्थितियां बदली पूरी दुनियां मोदी मय हो चुकी है सिवाय मोदी विरोधी दलों के, अमरिका समेत अमूमन सारे देशों ने लोहा मान लिया है. यहां तक कि भारत का धूर विरोधी चीन भी बहुत खुलकर मोदी का विरोध नीतिगत तरीके से नहीं कर पा रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार अमरीकी यात्रा को लेकर ट्रम्प भी इतने उत्साहित क्यूं हैं ?
https://twitter.com/narendramodi
to join us in Houston highlights the strength of the relationship and recognition of the contribution of the Indian community to American society and economy. #HowdyModi
खुद मोदी इस दौरे से कितने उत्साहित और संतुष्ट हैं उनके ट्वीट और अलग अलग जगह पर दिये जा रहे बयानो से स्पष्ट है .पीएम मोदी और ट्रंप की ऐसी दोस्ती भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान को बड़ा झटका है, जो बार-बार कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका से मदद मांग रहा है। पाकिस्तान, अमेरिका से कश्मीर पर मध्यस्थता की लगातार रट लगा रहा है, लेकिन अमेरिका ने उसकी बात नहीं सुनी है।अमेरिका ने कश्मीर को भारत का आंतरिक मसला बताकर पाकिस्तान को चुप करा दिया है। ऐसे में पाकिस्तान के लिए ट्रंप की मोदी से नजदीकियां परेशान करने वाली हैं।
50,000 लोग होंगे शामिल ‘हाउडी मोदी’ में
ह्यूस्टन के NRG स्टेडियम में इस आयोजन के लिए 50,000 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है, जिसे टेक्सास इंडिया फोरम द्वारा होस्ट किया जा रहा है। यह शिखर सम्मेलन, ‘साझा सपने, उज्ज्वल भविष्य’ के विषय के साथ पिछले सात दशकों से अमेरिकी जीवन को समृद्ध बनाने में भारतीय-अमेरिकियों के योगदान को उजागर करेगा और साथ ही बताएगा कैसे उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ह्यूस्टन इनर्जी सिटी के रूप में प्रख्यात,व्यापारिक रिश्ता खास लक्ष्य
क्षेत्रिय परिस्थिति में ट्रम्प भारत से नजदीकी बनाकर खुद को मजबूत करना चाहते हैं खासकर ङ्यूस्टन जैसे शहर जो अमरिका का चौथा बड़ा शहर है और इनर्जी सिटी के रूप में जाना जाता है . गल्फ कंट्री के जो हालात है उसमें भारत अमरिका का एक बड़ा खरीदार हो सकता है.अभी भारत ह्यूस्टन से गैस और तेल का बड़ा खरीदार है और अगर भविष्य में कभी खाड़ी देशों में परिस्थिति प्रतिकूल बनती है तो भारत का ह्यूस्टन के साथ और मजबूत व्यापारिक रिश्ता बन सकता है .
बोट बैंक पर ट्रम्प समेत सबकी नजर
खास बात ये भी है कि अगले साल अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं और इसी साल नवंबर से प्रीमियर चुनाव शुरू हो जाएंगे. ऐसे में इस कार्यक्रम को अमेरिकी राजनीतिक पंडित इस नजरिए से भी देख रहे हैं. दरअसल, अमेरिका में 50 लाख के करीब भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं जो चुनाव के वक्त किसी का भी पलड़ा भारी कर सकते हैं.ऐसे में हर कोई अपने-अपने तरीके से भारतीय समुदाय के वोटरों को अपनी ओर खींचना चाहता है. यही कारण है कि हाउडी मोदी में ना सिर्फ रिपब्लिकन बल्कि डेमोक्रेट्स के सांसद भी शामिल हो रहे हैं.