Report:Media Sarkar,Bureau.
कांग्रेस के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एक बार फिर मजबूरी बन गए हैं वरना गांधी सरनेम से भारत पर करीब 6-7 दशक तक राज कर चुकी कांग्रेस को आजादी के 72 वर्षों बाद आज गांधी जयंती पर पैदल मार्च की जरूरत नहीं पड़ती। इस देश में एक ही ऐसा नाम है जिसके सहारे हर कोई अपनी नैया को मझधार से निकालना चाहता है . बात चुनाव की हो या फिर किसी मुहिम की हर जगह महात्मा गांधी का नाम फिट बैठ जाता है .
खासकर जब जब चुनाव का वक्त आता है सभी लोग गांधी नाम को अपना खेवनहार बनाकर नैया पार लगाना चाहते हैं. अब काफी लम्बे समय से सफलता का स्वाद चखने को आतुर कॉंग्रेस परिवार भी गांधी जी के हथियार को लेकर मैदान में उतरना चाह रही है .
महात्मा गांधी के नाम पर आयोजित किए जाने वाले पैदल मार्च के लिए संजीदगी का आलम यह है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने सभी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को हिदायत दी है कि जो व्यक्ति जिस भी पद है और जिस भी क्षेत्र में है, वहीं पर गांधी टोपी लगाकर कम से कम तीन किलोमीटर की पदयात्रा को अंजाम दे। यानी लेकर कांग्रेस के लिए एक बार फिर महात्मा गांधी सत्ता की बैशाखी बन गए हैं।
तीन राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के बीच महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को लेकर भाजपा के बाद कांग्रेस ने भी पदयात्रा का ऐलान कर दिया। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी दिल्ली में, प्रियंका गांधी वाड्रा यूपी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी महाराष्ट्र में पदयात्रा निकालेंगे।
कांग्रेस ने कहा है कि महात्मा गांधी की विचारधारा को मजबूत करने के लिए ये पदयात्राएं निकलेंगी। हालांकि गांधी की विचारधारा के लिए एक साथ पूरा देश कई अभियानो को चला चुका है ,लेकिन अफसोस आजतक गांधी जी के सपनो का भारत तो बन नहीं पाया,ये अलग बात है कि गांधी जी ने इन्हे लड़ने के काबिल जरूर बना दिया . राहुल महाराष्ट्र के वर्धा जिले के सेवाग्राम में पदयात्रा का नेतृत्व करेंगे। पदयात्राओं में लोग गांधी की तस्वीर वाली टोपी पहनकर भाग लेंगे। महाराष्ट्र में पदयात्रा के बाद सेवादल की कार्यसमिति की बैठक भी होगी। इससे पहले, भाजपा ने ऐलान किया था कि वह 2 अक्टूबर से गांधी संकल्प यात्रा शुरू करेगी। इसमें भाजपा के प्रत्येक सांसद को 15 दिनों में 150 किमी की पदयात्रा करनी है।
भाजपा भी एक अलग पदयात्रा निकाल रही है .भाजपा ने देशभर में पदयात्रा में सासंदों, विधायकों और अन्य पदाधिकारियों सहित 3229 नेताओं की ड्यूटी लगाई है। पार्टी का लक्ष्य है कि ये प्रतिनिधि प्रतिदिन 5 से 10 किमी पैदल चलें और 6 गांवों में पहुंचें। इस तरह पार्टी 5 दिनों में 4 लाख 84 हजार किमी पदयात्रा करके 290610 गांवों तक पहुंचना चाहती है।
तो फिलहाल सारे दल गांधीवादी हो गए लगते है और इन्हे विश्वास है कि इनके रास्ते चलकर वो पार्टी और खुद को आगे बढ़ाएंगे