Report: Media Sarkar,Bureau
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में गुरुवार को एक बार फिर कहा कि 18 अक्तूबर तक हर हाल में सुनवाई पूरी करनी होगी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने स्पष्ट किया कि सभी पक्ष समय सीमा में अपनी दलीलें पूरी कर लें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमें फैसला लिखने में चार हफ्ते लगेंगे, इसलिए निर्धारित समय सीमा को बढ़ाया नहीं जा सकता है।
अब सभी पक्षों को अपनी दलील समय सीमा के अम्दर रखनी होगी
जिस तरह से मामलों में बारबार तारीखें बढ़ती है और सुनवायी आगे टलती चली जाती है उससे फैसले में भी देरी होती है . ऐसेमें इस बार कोर्ट काफी सख्त है और बार बार कार्रवाई की मियाद को बढ़ाना नहीं चाहती है. यही वजह है कि संबंधित पक्षों को समय बढ़ने की कोई गलतफहमी न हो इसलिए कोर्ट को ऐसा कहना पड़ा है .
चार हफ्ते लगेंगे अयोध्या मामले पर फैसले को लिखने में
सुनवाई शुरू होते ही सबसे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इस मामले की सुनवाई 18 अक्तूबर तक पूरी होनी जरुरी है, क्योंकि इसके बाद चार हफ्ते में हमें फैसला देना है। यदि हम ऐसा कर पाए तो यह चमत्कार से कम नहीं होगा।