1917 में जब महात्मा गांधी, राजकुमार शुक्ल के बुलावे पर चंपारण गए और निलहों की लड़ाई लड़ी तब चंपारण ने उनको मोहनदास से महात्मा बना दिया। गांधी की चंपारण यात्रा के 100 साल पूरे होने पर 2017 में भोर संस्था ने भोर लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया । उसी सिलसिले में उस आयोजन में शिरकत करने गए सारे मेहमान भितिहरवा आश्रम पहुंचे जहां गांधी ने बुनियादी पाठशाला शुरु की थी।