Report: MediaSarkar,Bureau
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना-बीजेपी में खींचतान बढ़ चुकी है. खासकर शिवसेना नेता संजय राउत के उस बयान के बाद महाराष्ट्र में सियासी हसचल काफी तेज हो गयी है .शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा हैकि फिफ्टी-फिफ्टी फॉर्म्युले का हो सम्मान तभी महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना का गठबंधन काम कर सकता है .सूत्रों के मुताबिक भाजपा शिवसेना को 120 से ज्यादा सीटें देने को राजा नहीं है . वहीं दूसरी ओर शिवसेना के एक मंत्री ने कहा कि 144 सीटें न मिलीं तो टूट सकता है गठबंधन और दोनो के रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं.
महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री और शिवसेना नेता दिवाकर रावते ने एक मराठी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘अगर शिवसेना को राज्य की 288 में से 144 सीटें नहीं दी गईं तो दोनों पार्टियों के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन टूट सकता है।’
दिवाकर रावत के इस बयान का समर्थन करते हुए नेता संजय रावत ने बीजेपी को नसीहत देते हुए कहा, ‘अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में जो 50-50 फॉर्म्युला तय हुआ था, बीजेपी को उसका सम्मान करना होगा। मैं गठबंधन तोड़ने की बात नहीं कर रहा हूं लेकिन दिवाकर रावते ने जो कहा वह गलत नहीं है।’
राज्य में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं लेकिन सूत्रों के मुताबिक बीजेपी शिवसेना को 120 से ज्यादा सीटें देने को राजी नहीं है। शिवसेना विधानसभा में 135 सीटों पर लड़ना चाहती है और बीजेपी के हिस्से में भी इतनी ही सीटें देना चाहती है। वहीं, बाकी बची 18 सीटें सहयोगियों के लिए रखने के फॉम्युर्ले पर वह राजी है, लेकिन अब बीजेपी इसे स्वीकार नहीं कर रही।
खबर तो यह है कि शिवसेना के 50-50 फॉर्म्युले को दरकिनार करते हुए बीजेपी अपने लिए 155 सीटों का दावा कर सकती है। यही नहीं अक्टूबर में संभावित चुनाव से पहले बीजेपी एनडीए में सहयोगी छोटी पार्टियों के लिए भी 18 सीटों की डिमांड कर सकती है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की रणनीति यह है कि छोटी पार्टियों को बीजेपी के सिंबल पर लड़ने के लिए मना लिया जाए।
फिलहाल जितनी सीटों का दावा शिवसेना महाराष्ट्र में बी जे पी से कर रही है वो कारगर होता नहीं दिख रहा और ऐसा पहली बार नहीं जब शिवसेना ने इस तरह का दावा किया हो, प्रेशर पोलिटिक्स का जो खेल शिवसेना खेलना चाहती है उसमे खुद अमित शाह काफी माहिर और शातिर खिलाड़ी माने जाते हैं ऐसे में शाह की अगली चाल क्या होगी देखना बाकि है .