Report: Sanjeev Kumar ,Senior journalist, Delhi
हिन्दुस्तान की सुषमा चली गयी,बस खुश्बु का अहसास अब जेहन में रह गया
5 अगस्त की तारीख को सारा भारत देख रहा था,देश-परदेश में चर्चा आम थी. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी बाजपेयी जी की कसम को आज आधा रास्ता नरेन्द्र मोदी ने पार करा दिया था. बस एक कदम का फासला बच गया था मंजिल को पाने के लिए.
और इसके लिए बस एक दिन का इंतजार करना था. य़ह कहना गलत नहीं होगा कि पूरा हिंदुस्तान बेसब्री से रात बीतने की आस में बैठा था. रात बीती 6 अगस्त आ गया. महज कुछ पल की ही तो बात थी और समय बीतते देर नहीं लगी, बहस शुरू हुयी, जोरदार हुयी. और अंजाम सबके सामने था .पूरा हिन्दुस्तान जश्न में डूब गया. जाहिर है सबको खुश होने का अधिकार है .आज सदन में जो कुछ हुआ देखने लायक था,70 साल पहले की गयी गलती को सुधारा गया .और इस सुधार में एक लम्बा समय गुजर गया . गलती करनेवालों के उत्तराधिकारी भी मौजूद थे सदन में और आज वो खुद से ही अपने को बेनकाब भी कर रहे थे ,बाकि जो कुछ बचा था उसे गृह मंत्री तबीयत से धो भी रहे थे.उसके उपर जब तद्दाख के युवा सांसद ने धोना शुरू किया तो लगा उनकी जुबान पर सरस्वती आकर बैठ गयी है सचमुच लगा इस सदन को एक और मजबूत वक्ता मिल गया है.यहां याद आ रही थी सुषमा जी जो आज लोक सभा में नहीं थी. पर आगे क्या होनेवाला था इससे हर कोई अंजान ही था. सदन में सरकार जीत जाती है.
श्यामा प्रसाद और अटल जी समेत हिन्दुस्तान का सपना पूरा होता है और एक संदेश देश के प्रधानमंत्री जी को मिलता है.
देखिए-
प्रधान मंत्री जी – आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी. @narendramodi ji – Thank you Prime Minister. Thank you very much. I was waiting to see this day in my lifetime.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) August 6, 2019
ये वो ट्वीट है जो सुषमा जी ने नरेन्द्र मोदी जी को किया था. निश्चित ही सुषमा जी ने यह भी इशारों में बता भी दिया था कि अब वो अपनी अंतिम यात्रा पर निकल पड़ेंगी. और रात बीत जाने से पहले ही वो अपनी एक और यात्रा के लिए निकल पड़ी. जाने से पहले जाधव मामले में भारत के वकील हरीश शाल्वे से भी अपनी फीस एक रूपया ले जाने को कहा था. लगता है मानो वो कल यानि 6 अगस्त को देश -दुनिया का सारा हिसाब चुकता कर लेना चाहती थी.सियासत की सारी जिम्मेवारियों को वो समय पर ही पूरा कर संयास ले चुकी थी.लेकिन मन में एक बड़ा अरमान पल रहा था,उम्मीद बनी हुयी थी.उनके गुरुओं और पुरोधाओं ने जिसकी नींव रखी थी. देश को मजबूत करना .पहले ही अंतर्राष्टीय स्तर पर सुषमा जी ने देश को जो कुछ दिया वो किसी से छुपा नहीं है .अब जब 6 अगस्त को भारतीय संसद ने जो इतिहास बनाया वो सुषमा जी के लिए खास था और लग रहा है मानो सुषमा जी इसी बस एक खुशी का इंतजार कर रही थी.
और देखिये इस खुशी को सुषमा जी ने कैसे सेलिब्रेट किया, एक संदेश प्रधानमंत्री जी को भेजा और अपार खुशी के साथ चल पड़ी एक और दुनिया के सफर पर.अलविदा देश वासियों …….
यह कहकर चली गयी सुषमा जी पर यह नहीं बता गयी,
कि कौन विदेश में फंसे अपनो को बचाएगा , कौन उन्हे स्वदेश वापस लाएगा ,कौन सीधे फोन पर ही सुनकर मदद को दौड़ा चला आएगा,कौन गीता को मां-बाप दिलाने की कोशिश करेगा? सवाल तो कई सारे कौंधते हैं जहन में पर जबाब देनेवाला कोई नहीं . वो अब खामोश हैं….कृपया आप सबसे अनुरोध है कोई कॉल न करें …