आज संसद सत्र के चौथे दिन गुरूवार को देश के सांसदों को देश के महामहिम राष्ट्रपति महोदय श्री रामनाथ कोविंद ने संबोधित किया .राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण में सरकार की आगामी नीतियों की एक झलक दिखाई. राष्ट्रपति अपने अभिभाषण में ‘न्यू इंडिया’ की परिकल्पना को पेश किया. राष्ट्रपति के संबोधन के बाद उपराष्ट्रपति ने अंग्रेजी में अभिभाषण की प्रमुख बातों को दोहराया. इसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर दोनों सदनों में बहस होनी है. संसद का पहला सत्र 26 जुलाई तक चलेगा. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति का देश की संसद में पढ़ा जाने वाला पहला अभिभाषण प्रधानमंत्री के बिनाह पर पढ़ा जाता है. यानि कि यह भाषण सरकार की ओर से राष्ट्रपति महोदय पढ़ते है .अपने भाषण में महामहिम ने कहा , मैं सभी सांसदों का आह्वान करता हूं कि वे ‘एक राष्ट्र – एक साथ चुनाव’ के विकासोन्मुख प्रस्ताव पर गंभीरता-पूर्वक विचार करें. मुझे विश्वास है कि राज्यसभा एवं लोकसभा के आप सभी सदस्य-गण, सांसद के रूप में अपने कर्तव्यों को भली-भांति निभाते हुए संविधान के आदर्शों को प्राप्त करने में अपना अमूल्य योगदान देंगे. मैं आप सभी से आगामी पांच वर्षों के दौरान भारत के नव-निर्माण के लिए स्वयं को समर्पित करने तथा अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाने का आह्वान करते हुए, आप सभी को पुनः हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं.
आज समय की मांग है कि ‘एक राष्ट्र – एक साथ चुनाव’ की व्यवस्था लाई जाए जिससे देश का विकास तेज़ी से हो सके और देशवासी लाभान्वित हों. ऐसी व्यवस्था होने पर सभी राजनैतिक दल अपनी विचारधारा के अनुरूप, विकास व जनकल्याण के कार्यों में अपनी ऊर्जा का और अधिक उपयोग कर पाएंगे.
पिछले कुछ दशकों के दौरान देश के किसी न किसी हिस्से में प्रायः कोई न कोई चुनाव आयोजित होते रहने से विकास की गति और निरंतरता प्रभावित होती रही है.हमारे देशवासियों ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर, अपना स्पष्ट निर्णय व्यक्त करके, विवेक और समझदारी का प्रदर्शन किया है्.