नीतीश जी क्या प्रज्ञा ठाकुर के लिए भी वोट माँगने जाएँगे ? कल बेगुसराय गए थे. वहाँ उन्होने गिरिराज जी के लिए वोट माँगा. गिरिराज बिहार की राजनीति के सबसे कट्टर चेहरा हैं. 2014 के चुनाव में भड़काऊ भाषण देने के मामले में उन पर मुक़दमा भी चल चुका है. कल नीतीश जी ने उनके लिए सिर्फ वोट ही नहीं माँगा ! बल्कि गिरिराज जी के साथ हाथ में हाथ मिलाकर हवा में भी लहराया. याद है ! कुछ इसी अंदाज में पंजाब की एक सभा में तब के नरेंद्र मोदी ने नीतीश जी का हाथ पकड़ कर फ़ोटो खिंचवा लिया था. नीतीश बहुत आग बबुला हुए थे. जैसे उनकी धर्म निरपेक्षता नरेंद्र मोदी के साथ छुआ जाने से अपवित्र हो गई हो.
बिहार की राजनीति में गिरिराज, मोदी जी के विभाजनकारी व्यक्तित्व के ही लघु संस्करण हैं. उनके लिए वोट माँगने या उनके साथ हाथ में हाथ मिलाकर फ़ोटो खिंचवाने में नीतीश जी को अब संकोच नहीं हो रहा है. हमारे यहाँ लंबी तीर्थ यात्रा से लौटने के बाद पुनः समाज में शामिल होने के लिए लोग ‘नूने’ मिलते हैं. गिरिराज के साथ बेगुसराय में जिस तरह दिखाई दिए उससे तो यही लग रहा है कि कट्टरवादियों के साथ नीतीश जी नूने मिलाकर उसी समाज में शामिल हो गए हैं. इसलिए प्रज्ञा ठाकुर के लिए वोट माँगने अब उन्हें संकोच क्यों होगा ?