नई दिल्ली। साल 2014-15 में हुए चंदे के मामले को लेकर चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी से 20 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के सामने मुश्किलें बढ़ा दी हैं।चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को यहां तक कहा कि नियमों का उल्लंघन करने के लिए क्यों न पार्टी के खिलाफ कार्रवाई की जाए।आयोग ने आम आदमी पार्टी को चुनाव चिन्ह(आरक्षण एवं आवंटन) आदेश 1968 की धारा 16ए के तहत भी नोटिस जारी किया।
दरअसल आम आदमी पार्टी पर आरोप है कि उसने साल 2014-15 में चंदे के मामले में चुनाव आयोग और आयकर विभाग को आंकड़े अलग-अलग दिए हैं।नोटिस में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज यानी सीबीडीटी की रिपोर्ट भी शामिल है। आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के पारदर्शिता के नियमों का उल्लंघन किया है। यही वजह है कि ये स्पष्टीकरण वित्त वर्ष 2014-15 के आंकड़ों को लेकर पूछा गया है। उपरोक्त नियमों का उल्लंघन करने के लिए आम आदमी पार्टी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आम आदमी पार्टी पर लगे आरोप
1.नोटिस में पार्टी पर आरोप है कि पार्टी ने अपनी वेबसाइट पर आयकर को दिए विवरण और आयोग को दिए गए दस्तावेज़ों में अंतर दिया है। आयोग से चंदे की जानकारी छुपाकर गलत रिर्पोट दी गई।
2.आम आदमी पार्टी ने 2 करोड रुपए हवाला ऑपरेटर से लिए जिस पर काफी लंबे समय से विवाद था। उसको भी आम आदमी पार्टी ने चंदे का रुप दे दिया।
3.आम आदमी पार्टी के बैंक खाते में 67.67 रुपये क्रेडिट हुए जबकि पार्टी ने अपने खातों में 54.15 करोड़ रुपए ही दिखाए यानी 13.16 करोड़ रुपए का हिसाब नहीं मिला और यह अज्ञात स्रोतों से माने गए।
आप नेताओं के द्वारा वेबसाइट पर दान के संबंध में गलत जानकारी दी गई। सीबीडीटी की रिपोर्ट से ऐसा प्रतीत होता है कि आम आदमी पार्टी के दिए खातों की जानकारी में अनियमितताएं पाई गई हैं। आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के पारदर्शिता के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया। आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के कानूनी निर्देशों का भी उल्लंघन किया है.