वामपंथियों ने बिहार बंद किया,रेल-रोड बंद रहे,मुजफ्फरपुर यौन शोषण मामले का विरोध
मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले के विरोध में वाम दलों के बिहार बंद का असर पूरे राज्य में देखा गया। वामपंथी कार्यकर्ताओं ने समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के आवास का घेराव किया,हलाकि सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत ही वहां से बंद समर्थकों को खदेड़ दिया । इस दौरान सुरक्षा में तैनात जवानों ने कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। पुलिस की लाठीचार्ज में कई कार्यकर्ता घायल हो गए। डाकबंगला चौराहे के पास प्रदर्शन कर रही महिला कार्यकर्ताओं की भी पुलिस से हल्की झड़प हुई। प्रदर्शनकारी बार-बार नारा लगा रहे थे। उनका आरोप है कि बिहार में बच्चियां और महिलाएं भी सुरक्षित नहीं है। कानून व्यवस्था पर नीतीश सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। दरभंगा में सुबह में ही रेल लाईने पर प्रदर्शनकारी आ गए थे और रेल का चक्का जाम कर दिया था। गया में भी हटिया एक्सप्रेस को रोक दिया गया। इसके अलावा प्रदर्शकारी वामपंथी समर्थक ये आरोप लगा रहे थे कि मुजफ्फरपुर के अलावा हाजीपुर, नालंदा में महिलाओं से छेड़खानी के कई मामले सामने आए,लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। खुद नितीश कुमार के गृह जिला में ऐसी वारदात घट चुकी है लेकिन सरकार आरोपियों को बचाने का काम कर रही है।मुजफ्फरपुर के दोषी के साथ नितीश कुमार का खास रिश्ता रहा है इसलिएआरोपियों को बचाया जा रहा है। मुजफ्फरपुर में भाकपा-माले और राजद कार्यकर्ताओं ने दुष्कर्म कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के आवास का घेराव किया। इस दौरान मेन चौक पर कार्यकर्ताओं ने नीतीश सरकार का पुतला फूंका। हजारों की संख्या में कार्यकर्ता बैनर-पोस्टर लेकर नीतीश सरकार इस्तीफा दो के नारे लगा रहे थे। कार्यकर्ताओं ने बरौनी-नई दिल्ली वैशाली एक्सप्रेस और बाढ़ एक्सप्रेस को रोक दिया। कार्यकर्ताओं के रेल चक्का जाम की वजह से कई ट्रेनें लेट हुई।
आरा में भी भाकपा-माले ने बायपास के पास आरा-पटना नेशनल हाइवे पर चक्का जाम कर दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने नीतीश सरकार से इस्तीफा मांगा। गोपालगंज में कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। दरभंगा के लहेरियासराय स्टेशन पर भी कार्यकर्ताओं ने जानकी एक्सप्रेस ट्रेन रोक दी। इसके अलावा जहानाबाद में भी कार्यकर्ताओं ने पटना-रांची जनशताब्दी एक्सप्रेस को रोक सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। गया, जहानाबाद, शेखपुरा,नालंदा, नवादा,सहरसा,लखीसराय,दरभंगा समेत राज्य के अन्य जिलों में भी वाम दलों के समर्थकों ने कई स्टेशनों पर ट्रेनें रोक दी और सड़क जाम कर दिया।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार को मुजफ्फरपुर घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। नीतीश कुमार नैतिकता की बात करते हैं और इस घिनौनी घटना पर चुप्पी साधे हुए हैं। हम उनकी चुप्पी तोड़वाकर रहेंगे।
बिहार बंद को कांग्रेस और राजद का भी समर्थन प्राप्त था। उससे ज्यादा अहम् बात यह कि इस मुद्दे पर आम लोग भी बंद का समर्थन कर रहे थे। ऐसे में सुशाशन का दावा करने वाली नितीश सरकार पर सवाल उठना लाजिमी है। हलाकि बंद का विरोध करते हुए भाजपा हुए जदयू के नेताओं का कहना है कि जब सी बी आई जाँच की सिफारिश कर दी गयी तो फिर इस तरह का नाटक करना बेकार है।