निदा समाज सेवा के लिए भाजपा को अपनाएगी,पीड़िताओं के लिए करेगी संघर्ष
जैसी कि उम्मीद थी और कयास भी लगाए जा रहे थे कि निदा कभी भी कोई चौकानेवाला फैसला ले सकती है। तीन तलाक और हलाला के खिलाफ लड़नेवाली निदा पर पहले ही ये आरोप लगाए जा चुके हैं कि निदा भाजपा की प्रायोजित मोहरा भर है जो इस तरह के मुद्दों को उठा रही है। निदा के कंधे पर बन्दूक रखकर भाजपा विरोधियों के लिए असमंजस की स्थिति भी लगातार पैदा किये जा रही है। पहले तीन तलाक के खिलाफ न्यायलय में दस्तक और फिर हलाला के खिलाफ बुलंद आवाज उठाने वाली निदा अकेली नहीं हो सकती। इसके लिए भाजपा ने ऐसी कई मुस्लिम महिलाओं की फ़ौज खड़ी कर दी है जो समय समय पर इस तरह के मामलों को उठाकर सियासी जगत में भी गर्माहट लाती रहती है। जैसे ही लोकसभा में तीन तलाक के खिलाफ बिल को पास किया गया इस्लाम के कई संगठनो ने विरोध किया और निदा के खिलाफ फतवा तक जारी कर दिया। निदा के अलावा फरहत नक़वी और डॉ समीना जैसी औरतों ने इस तरह के मामलों को इस तरह उठाया कि ये लोग मुस्लिम महिलाओं के लिए एक ऐसी फ़ौज के रूप में काम करने लगी जिसने इसके अलावा कई और पीड़िताओं को सामने आने की हिम्मत दिला दी। अब तक निदा बड़े स्तर की एक एक्टिविस्ट भी बन चुकी और एक संस्था को चलते हुए मुहीम को और आगे ले जाने का दावा भी करती है।
ऐसे में अब निदा का कद जितना बड़ा हो चुका है कि भाजपा के लिए वो एक एसेट बन चुकी है। अब इस एसेट का आनेवाले चुनाव में भरपूर उपयोग किया जायेगा इसमे कहीं कोई संदेह नहीं है। अब जबकि निदा की तरफ से ये इशारा मिल रहा है कि वो भाजपा में शामिल होकर देश भर में महिलाओं के हक़ और उसकी सुरक्षा के लिए काम करेगी ,तो वो बातें सच होती नजर आ रही है जिसमे विरोधियों न्र आरोप लगाया था कि निदा भाजपा के द्वारा तैयार प्यादा है जो लड़ेगी भाजपा के लिए और मुस्लिम महिलाओं का अधिकतम वोट भाजपा की झोली में डालने का काम करेगी।
भाप के पार्टी सूत्रों से जो खबर मिली है उसके अनुसार निदा की बातचीत भाजपा के आलाकमान से तय हो चुकी है और वो जल्दी ही भाजपा में शामिल हो जाएगी। खबर तो ये भी है कि निदा अमित शाह से सीधा संपर्क में है और तय समय के अनुरूप दिल्ली में अमितशाह की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हो जाती लेकिन पार्टी अध्यक्ष इनदिनों दिल्ली में नहीं है ऐसे में संभावना है कि उत्तर प्रदेश में निदा भाजपा सुप्रीमो अमित शाह के सामने भाजपा में शामिल होकर सक्रीय राजनीती करेगी। बीते गुरुवार को उन्होंने पार्टी ज्वाइन करने की सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि वह तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह की पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए भाजपा का दामन थामेंगी।ज्ञात हो कि 24 वर्षीय निदा खान उस वक्त चर्चा में आईं थी, जब बरेली के एक प्रभावशाली आला हजरत दरगाह ने उनके खिलाफ सामाजिक रूप से बहिष्कार करने का एक फतवा जारी किया था। फतवा देने वालों ने कहा था कि वे उन्हें इस्लाम से निकाल कर हुक्का पानी बंद कर देंगे। उनके जनाजे की नमाज नहीं होगी। बीमार होने पर दवाई न की जाए। मृत शरीर को दफन न किया जाए। निदा खान खुद तीन तलाक पीड़िता हैं। वो निकाह हलाला और तीन तलाक पीड़ित महिलाओं के लिए एक एनजीओ चलाती हैं, जिसका नाम आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी है।तीन तलाक और हलाला के खिलाफ मुहिम चला रही निदा खान करीब सप्ताह भर से भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। दो दिन पहले उत्तराखंड की मंत्री रेखा आर्य के बुलावे पर वो देहरादून गई थीं, जहां उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और उपाध्यक्ष श्याम जाजू से फोन पर बात कराई गई थी। इसी दौरान उनकी दिल्ली में अमित शाह से आमने-सामने मुलाकात कराकर पार्टी ज्वाइन कराने का कार्यक्रम बना था।
अब अगर निदा भाजपा को ज्वाइन करेगी तो ये भी तय है कि तीन तलाक के खिलाफ लड़ने वाली पीड़िता सायरा भी भाजपा का दामन थाम सकती है। और अगर इसी तरह भाजपा अपने कुनबे में मुस्लिम महिलाओं को इसी तरह जोड़ती चली गयी तो अल्पसंखयक वोटों बड़ा हिस्सा भाजपा की तरफ खिसकेगा और अल्पसंख्यकों का मसीहा मानने वाली कुछ पार्टियों इसका कोई ना कोई तोड़ खोजने का प्रयास करेगी। फिलहाल भाजपा की किलाबंदी काफी मजबूत होती दिख रही है।
तीन तलाक मामले में संशोधन के बाद राज्य सभा में बिल को पास करवाने के लिए शुक्रवार को ही मॉनसून सत्र का आखिरी दिन था लेकिन सरकार की मंशा इस बिल को पास कराकर एक बड़ा श्रेय लेना चाहती है इसलिए सत्र को सोमवार तक के लिए बढ़ा भी दिया गया है। अगर सोमवार को सरकार राज्य सभा में इस बिल को पास करा लेती है तो एक बार फिर लोक-सभा में पास करने के बाद राष्ट्रपति के पास भेजकर मंजूरी दिलाकर कानून बना दिया जायेगा और इसका श्रेय निदा और निदा जैसी आवाज उठाने वाली पीड़िताओं को तो जायेगा ही साथ ही भाजपा का हाथ ऊँचा रहेगा जबकि विरोध करनेवाले मुस्लिम महिलाओं की नजर में विलेन साबित हो जायेगे।