नई दिल्ली। दिल्ली के बुराड़ी में संतकबीर नगर में एक ही परिवार के सभी 11 सदस्यों का शव मिलने से हरकंप मच गया। घर के 10 लोगों की शव एक ही जगह फंदे से लट का था, जबकि घर की सबसे बुजुर्ग महिला का शव दूसरे कमरे में मिला। इस सामुहिक आत्महत्या के पीछे की वजह तलाश रही दिल्ली पुलिस ने इस मामले को क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है। पुलिस समझ नहीं पा रही है कि आखिर घर में ऐसा क्या हुआ कि पूरे परिवार ने एक साथ एक ही कमरे में मौत को गले लगा दिया। मरने वालों में 75 साल के बुजुर्ग से लेकर 15 साल के बच्चे भी शामिल हैं। क्या उन बच्चों ने खुशी-खुशी मौत को गले लगा दिया? क्या दूसरे को अपने आंखों के सामने मरता देख उन्हें डर नहीं लगा? पुलिस को अब घर से आधे अधूरे सुसाइड नोट्स और डायरी मिली है। डायरी में कुछ ऐसी बातें लिखी हैं, जो बेहद डरावनी है। डायरी की बातों को देखा जाए तो पूरे परिवार ने मोक्ष प्राप्ति के लिए खुदकुशी की है। परिवार के लोग धार्मिक प्रवृत्ति के थे। पुलिस की जांच अब इस दिशा में भी घूम रही हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक वो इस पूरे मामले में धार्मिक एंगल को भी देख रहे हैं।
एक कमरे में 11 लाशें: मोक्ष के लिए दे दी जान
मामले की छानबीन कर रही दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच टीम को घर से आधे-अधूरे सुसाइड नोट्स मिले हैं। वहीं घर में चुन्नी भी मिली है। जिसके बाद पुलिस कमिश्नर (क्राइम) आलोक कुमार ने कहा है कि परिवार रहस्यमयी अनुष्ठानों से जुड़ा था। उन्हें हाथ से लिखे नोट्स मिले हैं, लेकिन वो आधे-अधूरे हैं। उन नोट्स और घर से मिली डायरी से साफ जाहिर होता है कि पूरा परिवार किसी तरह के संदेहास्पद अनुष्ठान करता था। जिस हालत में लोगों के शव मिले हैं, उसमें और डायरी में काफी समानताएं हैं। वहीं आसपास के लोगों का कहना है कि घर में रहस्यमयी पूजा-पाठ हुआ करते थे। परिवार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। परिवार के एक रिश्तेदार का कहना है कि घटना से एक दिन पहले ही उसकी बात हुई थी। बातचीत ने नहीं लगा कि कोई टेंशन हैं। न घर में पैसे की कमी थी और न ही तनाव। हाल ही में परिवार में भांजी की सगाई हुई थी जिसमें पूरा परिवार शामिल हुआ था। साल के अंत में शादी होने वाली थी। घर के दोनों बेटों की दुकान अच्छी चल रही थी।
मोक्ष की लालसा में खुदकुशी
पुलिस अलग-अलग एंगल से जाचं कर रही है। एक एंगल के मुताबिक परिवार के तीन सदस्यों ने पहले खुदकुशी की योजना बनाई थी। उन्होंने पहले परिवार के सदस्यों की हत्या का फैसला किया और फिर खुद भी फांसी से लटक गए। तीनों लोगों ने सुसाइड नोट लिखने का फैसला किया, लेकिन बाद में अपना फैसला टाल दिया। इन्हीं तीन सदस्यों ने रात के खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर घर के बाकी सदस्यों को बेहोश कर दिया। फिर उनके हाथ-पैर और मुंह बांध दिया। चेहरे को ढ़क दिया गया, ताकि अगर गलती से किसी को होश आ जाए तो वो न चीख सके। घर के पालतू कुत्ते को भी छत पर बांध दिया, ताकि घर में हो रहे इन सब चीजों को देखकर वो भौंके नहीं। फिर मां की गला दबाकर हत्या की। तब तक बुजुर्ग महिला की बेटी को होश आ गया तो उसकी गला रेत कर हत्या कर दी और फिर हाथ पैर बांधकर उसे फंदे से लटका दिया। एक-एक कर सबको टांगने के बाद खुद भी खुदकुशी कर ली।
हाथ-पैर बांध लो, आंखें बंद कर लो तो मिलेगा मोक्ष
जांच टीम अब ऐसी आशंका जता रही है कि पूरा परिवार किसी तरह के धार्मिक-आध्यात्मिक चक्कर में फंसा लगा था। परिवार ने मोक्ष हासिल करने की लालसा से खुदकुशी की। खुदकुशी का तरीका वहीं था जैसा घर में मिली एक डायरी में लिखा था। घर में पूजा स्थान के पास मिली डायरी में हाथ से लिखा गया है। जिसमें जो कुछ भी लिखा है वो सामान्य नहीं है। उसमें लिखी बातें इस पूरी घटना की पटकथ प्रतीत हो रही है। डायरी में लिखा है, ‘अगर आप स्टूल का इस्तेमाल करेंगे, आंखें बंद करेंगे और हाथ बांध लेंगे तो आपको मोक्ष की प्राप्ति होगी।’ कानों में कॉटन डाल लें, मोबाइल फोन दूर रखे। अम्मा खड़ी नहीं हो सकती, इसलिए उसे दूसरे कमरे में लेटा दें’ । जिस तरह से डायरी में चीजें लिखी हैं, पुलिस को घटनास्थल पर उसी तरह से सभी शव मिले हैं, जिससे आशंका जताई जा रही है कि पूरे परिवार ने मोक्ष प्राप्ति के लिए खास अनुष्ठान के तहत ये सब किया। दोनों रजिस्टर के करीब 35 पन्नों में शुरुआत के कुछ पन्नों में इस बात का जिक्र है कि किस शख्स को कहां-कहा खड़ा होकर लटकना है. यानी बाकायदा ये लिखा हुआ है कि परिवार के कौन से सदस्य को किस जगह लटककर जान देनी है। गौरतलब है कि 75 साल की नारायणी देवी. उनके बेटे भवनेस और ललित के अलावा दोनों की पत्नी सविता और टीना और इनके बच्चे निधी, शिवम, मेनका और ध्रुव लोहे की जाली से लटके मिले.। वहीं नारायणी की बेटी 57 साल की प्रतिभा और उनकी बेटी प्रियंका के शव खिड़की से लटके मिले।