17 साल बाद 117 सुंदरियों को पीछा छोड़ते हुए हिंदुस्तान की मानुषी छिल्लर ने विश्व सुंदरी का ताज हासिल किया है। हालांकि जब जब भारत की कोई लड़की विश्व सुंदरी का खिताब पाती है तो एक चर्चा जरुर होती है कि दुनिया की नजर में भारत में बाजार की संभावनाएं देखी जा रही हैं। इस बार भी यह राग अलापा जा रहा है और अब तो उस राग को बेराग करने के लिए सोशल मीडिया भी है। लेकिन मानुषी छिल्लर ने ताज हासिल करने के बाद बातचीत में जो बातें कहीं है और उनकी जो भावनाएं सामने आ रही हैं उससे नई पीढ़ी के लिए एक नई रौशनी दिखाई दे रही है।
मानुषी फिलहाल मेडिकल की पढ़ाई कर रही है और अपनी पढ़ाई पूरी करके वो हार्ट स्पेशलिस्ट बनना चाहती हैं। बीस साल की मानुषी ने समाज की उन तबके की लड़कियों और औरतों के बारे में सोचा है जिसके बारें सरकारें सिर्फ अपने बहीखातों और योजनाओँ में ही सोच पाती है। वह महिलाओँ के मासिक धर्म यानी पीरियड्स के प्रति लोगों में जागरुकता फैल रही हैं। इस मामले में पढ़े लिखे समाज में भी तरह तरह की भ्रांतियां है जिसकी वजह से हर साल लाखों औरतों को तरह तरह की बीमारियों का शिकार होना पड़ता है और हजारों की जान तक चली जाती है। मानुषी के इस सोच और प्रयास के लिए वो साधुवाद की पात्र है।