नोटबंदी के बाद के पहले बजट को विशेषज्ञ संतुलित बजट मान रहे हैं। पांच राज्यों के चुनाव को लेकर विपक्ष बजट टालने की गुहार लगाता रहा लेकिन चुनाव आयोग ने इसपर हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। बजट में इस बार वित्त मंत्री ने जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया की नीति को आगे बढ़ाते हुए जोर दिया वहीं राजनैतिक दलों के लिए भी कुछ घोषणाएं की। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री कुछ पल के लिए रुके और कहा कि – मैडम स्पीकर यह घोषणा हम सबके लिए है, हम सीधे इससे जुड़े हैं। फिर वित्त मंत्री ने कहा कि राजनैतिक दल अब २००० से ज्यादा का चंदा नकद नहीं ले पाएंगे। इससे ज्यादा की रकम या तो चेक या फिर डिजिटल ट्रांजैक्शन के तहत ही लिया जा सकेगा।
जैसे ही बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में 2000 रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर रोक लगाने की घोषणा की वैसे ही सदन में ठहाके गूंजने लगे। फिर दिलचस्प वाकया हुआ शहरी विकास और सूचना प्रसारण मंत्री वैंकेया नायडू ने कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी सांसदों से इस घोषणा पर ताली बजाने के लिए कहा।
इस पर कई बीजेपी सांसदों ने जमकर ठहाके लगाए और विपक्षी सांसदों में भी कई नेता हाथ हिलाते हुए देखे गए। बाद में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए उठाए गए किसी भी कदम का कांग्रेस साथ देगी।
नरेंद्र मोदी सरकार ने राजनीतिक दलों के चंदों को रेगुलेट करने के लिए कई फैसले किए हैं।
1. कोई भी राजनीतिक दल दो हजार से ज्यादा चंदा कैश में नहीं ले सकेंगे।
2. राजनीतिक दल 2000 से अधिक का चंदा सिर्फ चेक या डिजिटल माध्यम से ले सकेंगे।
3. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट में संशोधन होगा, इलेक्टोरल बॉन्ड जारी किए जाएंगे। डोनर ये बॉन्ड खरीद सकते हैं जिन्हें राजनीतिक दलों के रजिस्टर्ड ऑफिस में भुनाया जा सकता है।