सोशल मीडिया पर जवानों के कई शिकायती वीडियो जारी होने के बाद जहां एक तरफ जांच के आदेश दिए गए हैं वहीं पॉलिसी के स्तर पर भी कुछ कड़े फैसले लिए गए हैं। गृहमंत्रालय ने पैरामिलिट्री के जवानों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है।
सीमा पर तैनात जवान तेजबहादुर यादव के खराब खाने को लेकर पोस्ट किए गए शिकायती वीडियो के बाद कई दूसरे जवानों ने अलग अलग शिकायतों के साथ वीडियो पोस्ट किए । गृह मंत्रालय ने इसे अनुशासनहीनता माना है और अब नए नियम के मुताबिक अगर कोई जवान ट्विटर, फेसबुक या किसी भी दूसरे सोशल मीडिया साइट्स पर अपनी बार रखना चाहता है तो उसे अपने विभाग के डीजी से अनुमति लेनी होगी।
सात केंद्रीय फोर्सेज के डायरेक्टर जनरल को इस सिलसिले में नई गाइडलाइंस भी जारी कर दी गई हैं कि सर्विस रूल्स के नियमों को सख्ती से लागू कराया जाए। पुराने नियमों के मुताबिक भी किसी भी जवान को आॅफिशियल मामलों पर निजी मत सार्वजनिक करने की अनुमति नहीं है।
इंटेलिजेंस ब्यूरो के एक अधिकारी ने बैन की वजह को विस्तार से बताते हुए कुछ घटनाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि पिछले नवंबर में कुछ सैनिक अपने मोबाइल से सीक्रेट आॅपरेशंस को शूट करते पाए गए थे, जो कि सोशल मीडिया में भी आ गए। उन्होंने कहा,यह सरकार के लिए चुनौती बन गया है। सोशल मीडिया पर गुप्त जानकारी शेयर होने से अनुशासन पर आंच आती है।