नोटबंदी के बीच उत्तर प्रदेश में चुनावी राजनीति सिर चढ़ कर बोल रही है। एक तरफ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह प्रदेश में समाजवादी पार्टी से ही अपनी लड़ाई मानते हैं वहीं अखिलेश कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के संकेत दे रहे हैं। दिल्ली में हिंदुस्तान टाइम्स सम्मिट में शिरकत करने आए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अगर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ी तो गठबंधन को 403 सीटों में से 300 से अधिक पर जीत हासिल हो सकती है।
प्रदेश में प्रमुख विपक्षी पार्टियों में से एक बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो को अखिलेश यादव गाहे बेगाहे अपनी बुआ बताते रहे हैं, इस पर बसपा के कुछ नेताओं द्वारा विवाद खड़ा किए जाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि वो अब उन्हें कभी बुआ नहीं कहेंगे, साथ ही अखिलेश ने बीएसपी के साथ किसी भी प्रकार के गठबंधन की संभावनाओं से इनकार किया है। पिछले महीने अखिलेश यादव और एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव, दोनों ने ही चुनाव पूर्व किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार किया था। मुलायम सिंह ने तो यहां तक कहा था कि गठबंधन नहीं केवल पार्टियों का एसपी में विलय हो सकता है।
बातों बातों में अखिलेश ने सुझाव दिया कि अगर कांग्रेस गठबंधन चाहती तो उसे यह भी स्वीकार करना होगा कि वह कम सीटों पर चुनाव लड़े। अखिलेश ने कहा कि केवल ‘नफा-नुकसान’ सोचने से यूपी में गठबंधन नहीं चल सकेगा।
यूपी में कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर मुलायम और अखिलेश, दोनों से ही मुलाकात कर चुके हैं। अखिलेश ने इस संदर्भ में कहा कि किसी भी तरह के गठबंधन का अंतिम फैसला पार्टी सुप्रीमो मुलायम को ही लेना, वह केवल सुझाव दे सकते हैं।