कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से कई विपक्षी दल नाराज़ हो गए हैं। दरअसल राहुल गांधी किसानों की समस्या को लेकर उनके एक प्रतिनिधिमंडल के साथ शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी से मिलने चले गए थे। अब तक नोटबंदी के ख़िलाफ़ प्रायः सभी विपक्षी दल एकजुट थे और कांग्रेस के साथ खड़े थे, लेकिन राहुल गांधी का यह कदम कुछ विपक्षी दलों को रास नहीं आया।
नतीजा यह हुआ कि नोटबंदी के मुद्दे पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करने वाले विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने से राष्ट्रीय जनता दल, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और एनसीपी ने इनकार कर दिया। इस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन ख़़डगे कर रहे थे।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वे नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में चर्चा कराएं। उनके मुताबिक विपक्ष ने पहले तो नियम 184 के तहत लोकसभा में चर्चा की मांग की थी, लेकिन बाद में वह बिना शर्त चर्चा के लिए भी तैयार हो गया था। फिर भी सरकार ने चर्चा नहीं होने दी।
बहरहाल, इतना साफ़ है कि विपक्षी दल किसी मुद्दे पर अगर एकजुट होना भी चाहते हैं, तो राहुल गांधी की कार्यशैली को लेकर उन्हें अक्सर दिक्कतें पेश आ जाती हैं। राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने से इनकार करने वाले दलों का मानना है कि एक तरफ विपक्षी दलों को एक करने की बात कही जाती है, दूसरी तरफ, राहुल गांधी अकेले-अकेले प्रधानमंत्री से मिलने चले जाते हैं।