पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के सीनियर लीडर पी चिदंबरम ने कहा है कि अगर वो वित्त मंत्री होते तो नोटबंदी किसी भी सूरत में लागू नहीं करते। इतना ही नहीं चिदंबरम ने कहा कि अगर उनपर नोटबंदी लागू करने के लिए प्रधानमंत्री का दबाव होता तो बजाय नोटबंदी लागू करने के वो इस्तीफा देना बेहतर समझते।
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मुझसे कहते कि मुझे 1000 और 500 रुपये के नोट को अवैध घोषित करने का फैसला करना है, तो मै ऐसा नहीं करने के लिए कहता। फैसला नहीं लेता।उन्होंने कहा कि मैं उन्हें तथ्य और आंकड़े देता। लेकिन, अगर वह कहते माफ कीजिए यह मेरा फैसला है मुझे यह करना है, तो मैं आपसे बेलाग लपेट कहता हूं, मैं इस्तीफा दे देता। वह दिल्ली साहित्य महोत्सव में एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि अगर वह केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली की जगह होते तो क्या करते।
नोटबंदी पर सरकार पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने दावा किया कि यह कदम भ्रष्टाचार, जाली मुद्रा और काला बाजारी जैसे लक्ष्यों को पूरा नहीं करेगा जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है। हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि केवल लघु अवधि का यह फायदा होगा कि शहरी इलाके में लोग डिजिटल लेन-देन की ओर बढ़ेंगे।