नोटबंदी पर भारत बंद के आह्वान को विपक्षी दलों ने जन आक्रोश दिवस के रूप में ‘पलट’ दिया। विपक्षी दल अपनी रणनीति बदलते हुए “जन आक्रोश दिवस” के रूप में देश के अलग अलग जगहों पर प्रदर्शन किया। दिल्ली में कांग्रेस और आप ने प्रदर्शन किया तो वहीं बंगाल में टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी के नेतृत्व में मार्च निकाला गया। ‘भारत बंद’ के आह्वान पर पूरे विपक्ष ने एक सुर में कहा है कि दिल्ली में हुई 18 विपक्षी पार्टियों की बैठक में ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ था, जन आक्रोश दिवस के रूप में मनाने की बात कही गई थी।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने आज सफाई देते हुए कहा, ‘हमने भारत बंद नहीं बुलाया है, क्योंकि इससे आम लोगों को तकलीफ होगी। विपक्षी दलों की बैठक में जन आक्रोश दिवस मनाने का फैसला लिया गया था, भारत बंद का नहीं। देश बंदी के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं।’ टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा है कि हम भारत बंद का समर्थन नहीं किया है। ममता ने भी सफाई में विपक्ष की बैठक का हवाला देते हुए कहा कि बैठक में भारत बंद का फैसला नहीं किया गया था। ममता ने सोमवार को कोलकाता में मार्च निकालकर सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया।
बीएसपी प्रमुख मायावती भी नोटबंदी के खिलाफ भारत बंद पर पलटती नजर आईं। पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भारत बंद को लोगों के लिए तकलीफदेह बताया। मायावती ने कहा, ‘पीएम की नोटबंदी की घोषणा के बाद से ही भारत बंद पड़ा है।’ उन्होंने कहा, ‘ हम भारत बंद में नहीं शामिल हैं, विरोध का हमारा अपना अलग तरीका है। पीएम केवल लंबी-चौड़ी बातें कर रहे हैं लेकिन सदन में आकर जवाब देने की हिम्मत नहीं है। सरकार को नोटबंदी के फैसले पर तानाशाही रवैया छोड़ना चाहिए।’