जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला के विवादास्पद और घटिया बयान की चारों ओऱ निंदा हो रही है। इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी फारुख अब्दुल्ला पर निशाना साधा और कहा कि यह अवसरवाद की राजनीति है। सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि कश्मीर केंद्रित कुछ राजनीतिक पार्टियां ऐसी हैं कि जब वे सत्ता में होती हैं तब वे कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा कहती हैं और जब वे ही लोग सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो उन्हें रातोंरात ज्ञान प्राप्त हो जाता है। ऐसे बयान की का कोई तुक नहीं और इनकी जितनी निंदा की जाए कम है।
उन्होंने नेशनल कांन्फ्रेंस अध्यक्ष का नाम लिए बिना कहा कि सत्ता से बाहर होने पर ऐसे नेताओं के लिए कश्मीर पर प्रश्नचिह्न लगाना जरूरी हो जाता है। सिंह ने कहा कि ये कश्मीर केंद्रित राजनेता कश्मीर पर सवाल उठाना जरूरी समझते हैं और मुझे यह भविष्यवाणी करनी चाहिए कि यदि कल वे सत्ता में आए तो वे एक बार फिर कश्मीर को भारत के अभिन्न हिस्से के तौर पर देखेंगे।
फारुख अबदुल्ला पहले भी अपने बयानों की वजह से विवादों में रहे हैं । पिछले दिनो घाटी में एक कार्यक्रम के दौरान उनका दिया गया बयान वायरल हो गया जिसे बाद में मीडिया ने देश के सामने रखा । फारुख ने पिछले हफ्ते किश्तवाड़ में एक जनसभा में कहा था कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर तुम्हारे बाप की सम्पत्ति नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा था कि न ही भारत और न ही पाकिस्तान अपने नियंत्रण से बाहर पड़ने वाले राज्य के क्षेत्र को अधिकार में ले सकता है। सिंह ने कहा कि कश्मीर के लोगों विशेष तौर पर युवाओं ने इस तरह की राजनीति की दोहरी प्रकृति को समझ लिया है।