नई दिल्ली। स्कूली स्तर पर पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए ये खबर बेहद जरूरी है। सरकार एक बार फिर से सीबीएसई 10वीं में बोर्ड की परीक्षा को अनिवार्य तौर पर शुरू करने का फैसला कर सकती है। माना जा रहा है कि साल 2018 से इसे अनिवार्य कर दिया जाएगा।
दरअसल केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की 25 अक्तूबर को होने वाली बैठक में इस पर प्रस्ताव लाया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस मुद्दे पर राज्यों की इच्छा जानने की योजना भी बनाई है। मंत्रालय ने कार्यसूची में कुछ नए प्रस्ताव जोड़े हैं। इनमें10वीं बोर्ड परीक्षा अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव सबसे अहम है। इस के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया, सीखने की प्रवृत्ति में सुधार करने, नेशनल एचीवमेंट सर्वे करने, सेकेंडरी कक्षाओं में व्यावसायिक शिक्षा का विस्तार करने, शिक्षा को तनावमुक्त बनाने जैसे प्रस्ताव दिए गए हैं।
10वीं की परीक्षा अनिवार्य
10वी की बोर्ड परीक्षा को खत्म करने के बाद से शिक्षा विशेषज्ञ लगातार इस व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे छात्रों को नुकसान हो रहा है। अगर 10वीं में बोर्ड होगा तो बच्चे खुद को 12वीं की परीक्षा के लिए बेहतर तैयार कर पाएंगे।
यूपीए सरकार ने खत्म की थी परीक्षा
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को छोड़कर किसी भी बोर्ड में 10वीं की परीक्षा वैकल्पिक नहीं है। 2011 में यूपीए-2 के कार्यकाल में सतत एवं समग्र मूल्यांकन नियम शुरू किया गया था। इसके तहत तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने 10वीं में बोर्ड परीक्षा को वैकल्पिक बना दिया था।।
70 फीसदी छात्र नहीं देते परीक्षा
बोर्ड परीक्षा खत्म किए जाने के बाद करीब 70 फीसदी बोर्ड की परीक्षा नहीं देते हैं, जबकि 30 फीसदी अब भी यह परीक्षा देते हैं। इस परीक्षा के खत्म किए जाने से छात्रों में शिक्षा के प्रति गंभीरता कम होती दिखी। 10वीं स्तर की पढ़ाई को छात्रों ने गंभीरता से नहीं देना शुरु कर दिया।