पटना. बिहार में रूबी राय टॉपर घोटाले के बाद लगता है या तो प्रशासन की कुंभकर्णी नींद खुली है। बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड(बीएसईबी) ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया। बीएसईबी ने 68 इंटर कॉलेजों और 19 हाई स्कूलों की मान्याता रद्द कर दी है।
बोर्ड ने उन सभी कॉलेजों और स्कूलों की मान्यता रद्द की हैं, जो सिर्फ कागजों पर ही दिख रहे थे, और असल में इनके पास इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर गैराज या एक कमरे थे।
रूबी राय केस के बाद से बीएसईबी बिहार के शिक्षा तंत्र की जांच करने में जुट गया था। जांच में सामने आई जानकारी के बाद बोर्ड ने यह फैसला लिया। बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा है कि जांच सरकारी अधिकारियों ने की है, जांच में पता चला की केशव विंदेवरी देवी कॉलेज गैराज में चल रहा था, जबकी कई अन्य कॉलेज एक छोटे से कमरे में चल रहे थे।
कॉपी कोई और लिखता है
जांच में सामने आया है कि इस बार कक्षा 12वीं के कई स्टूडेंट्स की कॉपी किसी और ने लिखी थी। 17 साल की रूबी राय के 12वीं में टॉप करने के बाद से लोगों और सरकार की नजर इस स्कैम पर गई।
रूबी राय की कहानी
बिहार में 12वीं में रूबी को आर्ट्स में 500 में से 485 मार्क्स मिले थे लेकिन टीवी चैनलों पर वो पॉलिटिकल साइंस को प्रॉडिकल साइंस कहते सुनी गई। वह ये भी नहीं बता सकीं कि पॉलिटिकल साइंस में पढ़ाते क्या हैं? इसके बाद ही यह टॉपर घोटाला सामने आया। रिव्यू टेस्ट में भी फेल हो जाने पर उसका रिजल्ट रद्द कर दिया गया। रूबी को एसआईटी ने गिरफ्तार भी किया था, बाद में रूबी राय को जमानत दे दी गई।