“अंधेरी गली का चांद” यह नाम कोई कवि हृदय शख्स ही सोच सकता है, और यह सच भी है। वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया न्यूज के मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत की गुरुवार २९ सितंबर को विमोचित होने वाले काव्य-संग्रह का यही नाम है। राणा यशवंत को हम तकरीबन उतने ही समय से जानते हैं जितने समय से टेलीविजन को जानते हैँ, तकरीबन दो दशक से।
चौबीस घंटे के न्यूज टेलीविजन की दुनिया की भागमभाग में वक्त निकाल कर कविता लिखना वाकई दुरूह काम है। किसी भी न्यूज चैनल को चलाने से ज्यादा कठिन काम। राणा यशवंत जिस तरह न्यूज चैनलों में टीआरपी की मशीन माने जाते हैं और समय समय पर साबित करते रहे हैं उस ख्याल से भी उनके इस काव्य संग्रह का इंतजार है, आखिर अंधेरी गली का चांद क्या गुल खिलाएगा।
जो लोग राणा यशवंत को करीब से जानते हैं कि वो बखूबी समझते हैं कि वो कितने संवेदनशील, सौम्य किंतु बेबाक हैं। राणा यशवंत के कार्यक्रम अर्धसत्य ने न्यूज चैनलों की भीड़ में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उम्मीद की जानी चाहिए कि उऩकी कविताओँ का यह संग्रह अंधेरी गली का चांद खूब रौशन हो ।
समय समय पर हम उनकी कविताओं और गज़लों का आनंद लेते रहे हैं। अब बारी हम सबकी है उससे रु-ब-रू होने की । 29 सितम्बर, गुरुवार, दोपहर 2 बजे से.. दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में एक राज की बात भी बता दूं – राणा यशवंत गुनगुनाते भी उम्दा हैं। आइयेगा जरूर ।