बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव का वीडियो दरअसल इस देश की मानसिकता को ही दर्शाता है। एक तरफ जहां केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार इस देश के भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने की बात करते हैं औऱ लगातार कोशिश में लगे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ इस तरह की घटनाएँ करप्शन के खिलाफ मुहिम को कमजोर करती है।
हालांकि बीएसएफ ने अपनी पहली रिपोर्ट में तेज बहादुर के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है, औऱ मामले की उच्च स्तरीय जांच जारी है लेकिन दूसरी तरफ कुछ चौंकाने वाली खबरें भी आ रही हैं। देश भर के कई बीएसएप कैंपों के आस पास लोगों से बातचीत के बाद कुछ तथ्य सामने आए हैं। लोगों ने कहा है कि कुछ अधिकारी उन्हें राशन औऱ फ्यूल बाजार से आधे दाम पर बेचते हैं।
श्रीनगर के हुमहमा बीएसएफ हेडक्वॉर्टर के पास की रिपोर्ट
एक जवान और हुमहमा के आसपास रहने वाले कुछ स्थानीय लोगों ने बताया है कि बीएसएफ अधिकारी जो सामान बेचते हैं उसके खरीदार एयरपोर्ट और उसके आसपास के दुकानदार हैँ। एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए जवान ने बताया कि हमारी दैनिक उपयोग की चीजें भी नहीं मिल पातीं और अधिकारी अपने एजेंट्स के माध्यम से बेचते हैं और तेज बहादुर के आरोप गलत नहीं हैं। इसी इलाके के एक ठेकेदार ने बताया, ‘हमें मार्केट से आधे दाम पर हुमहमा कैंप के कुछ अधिकारियों से डीजल और पेट्रोल मिल जाता है।
भ्रष्टाचार सिर्फ सामान बेचने तक सीमित नहीं
एक फर्नीचर डीलर ने भी बेहद चौंकाने वाला दावा किया है। उसके मुताबिक, ‘ऑफिस और बाकी सरकारी जरूरतों के लिए फर्नीचर खरीदने आने वाले अधिकारी हमसे मोटा कमीशन लेते हैं। उनका कमिशन हमारे मुनाफे से भी ज्यादा होता है। ई टेंडरिंग की व्यवस्था नहीं इसकी वजह से अधिकारी अपनी मनमानी कर पाते हैं।
सीआरपीएफ भी जांच कराएगी
सीआरपीएफ के कुछ अधिकारियों पर भी ऐसे ही आरोप हैं। श्रीनगर में एक महीने पहले तक बतौर आईजी (प्रशासन) तैनात रहे सीआरपीएफ के आईजी रविदीप सिंह साही ने कहा कि अगर सप्लाई में किसी तरह की गड़बड़ी है, तो वह इसकी जांच कराएंगे।आईजी रविदीप ने कहा, हमारे जवान हमारी ताकत हैं। उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।