नोटबंदी के फैसले का साथ सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एप पर ही मिला हो ऐसा नहीं है। नरेंद्र मोदी टाइम पर्सन ऑफ द ईयर की दौड़ में भी आगे चल रहे हैं। एक तरफ देश में नोटबंदी के फैसले के बाद पूरा विपक्ष प्रधानमंत्री विरोध कर रहा है लेकिन उनकी लोकप्रियता देश के साथ साथ दुनिया में भी बढ़ती जा रही है ऐसा सर्वे मानते हैँ।
‘टाइम पर्सन ऑफ द ईयर’ के लिए हो रहे पोल में नरेंद्र मोदी सबसे आगे चल रहे हैं। उन्होंने विकीलीक्स के फाउंडर जूलियन असांजे, अमेरिका में प्रेसिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रम्प और रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन को पीछे छोड़ दिया है। अभी यह वोटिंग 4 दिसंबर तक चलेगी। 7 दिसंबर को पर्सन ऑफ द ईयर का नाम एलान किया जाएगा। 2015 का पर्सन ऑफ द ईयर जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल को चुना गया था।
गुरुवार को आई रिपोर्ट के मुताबिक मोदी को 11% वोट मिले हैं। असांजे 9% वोट के साथ दूसरे नंबर पर हैं। मोदी ने करप्शन पर लगाम लगाने के मकसद से हाल ही में देश में बड़े नोट बंद किए हैं। उधर असांजे का ऑर्गनाइजेशन विकीलीक्स इंटरनेशनल डॉक्युमेंट्स रिलीज करके कई खुलासे करता रहा है। यह सिलसिला हाल ही में हुए अमेरिकी प्रेसिडेंशियल इलेक्शन कैम्पेन तक जारी है। असांजे पिछले चार साल से लंदन में इक्वाडोर की एम्बेसी में रह रहे हैं। टाइम के इस पोल में अमेरिका में प्रेसिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रम्प और रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन को 8% वोट मिले हैं। अमेरिका के जिमनास्ट सिमोन बिल्स और म्यूजिकल शो हैमिल्टन बनाने वाले लिन-मैन्युल मिरांडा को सिर्फ 6% वोट मिले हैं।
पिछले हफ्ते असांज पहले नंबर पर और ट्रम्प दूसरे नंबर पर थे। तब असांजे को 12% और ट्रम्प को 11% वोट मिले थे। लिस्ट में जो दूसरे बड़े नाम हैं उनमें नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन और बराक ओबामा हैं। दोनों को सिर्फ 1% वोट मिले हैं।
टाइम हर साल ऐसे शख्स को “टाइम पर्सन ऑफ द ईयर’ चुनता है, जो पॉजिटिव या निगेटिव रूप से पिछले साल सबसे ज्यादा खबरों में रहा हो। “पर्सन ऑफ द ईयर’ का नाम टाइम मैगजीन के एडिटर्स तय करते हैं, लेकिन इस पोल के जरिए पाठकों को अपनी राय रखने का मौका मिलता है। यह वोटिंग 4 दिसंबर को अमेरिकी वक्त के तहत रात 11:59 बजे खत्म होगी और फैसला 7 दिसंबर को सुनाया जाएगा