मनोज तिवारी दिल्ली प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष तो बन गए हैं, लेकिन उनमें एक भोजपुरिया भोलापन और मासूमियत बरकरार है। यह भोलापन और मासूमियत राजनीति में उन्हें आगे ले जाएगी या फिर उनकी राह का रोड़ा बन जाएगी? आख़िर नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने उनमें ऐसा क्या देखा, जो दिल्ली प्रदेश बीजेपी के पुराने नेताओं की तुलना में उन्हें तरजीह दी? क्या अरविंद केजरीवाल जैसे आक्रामक नेता का मुकाबला उन जैसा सौम्य नेता कर पाएगा? अरविंद केजरीवाल की सरकार पर बीजेपी के मुख्य आरोप क्या हैं? क्या नोटबंदी की तथाकथित विफलता के चलते कैशलेस इकोनोमी की बात की जा रही है? क्या अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से मनोज तिवारी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे? बीजेपी ऐसा क्या करेगी, जिससे दिल्ली की सियासत में वह दोबारा अपनी जगह बना सकती है?
ऐसे ही तमाम सवालों को लेकर “प्रश्नव्यूह” में मनोज तिवारी को घेरा मीडिया सरकार के सीईओ अनुरंजन झा और अभिरंजन कुमार ने। पूरा इंटरव्यू गुरुवार, 15 दिसंबर, शाम सात बजे। फिलहाल इसकी एक झलक।