नई दिल्ली। भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये हैं कि यहां विकास और काम की राजनीति नहीं बल्कि धर्म और जाति की राजनीति की जाती है। राजनेता लोगों से किए अपने वादों को भूल जाते हैं, लेकिन अप ने फायदे के लिए दो समुदायों के लोगों के भीच फूट डालना नहीं भूलते। जातिगत राजनीति का ये गंदा खेल कब खत्म होगा ये कहना मुश्किल है, फिलहाल ओडिशा की राजनीति में एक मंत्री को अपनी इस करतूत की वजह से कुर्सी गंवानी पड़ी है।
ओडिशा के कृषि मंत्री दामोदर राउत को अपने विवादित बयान की वजह से मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है। पार्टी ने राउत से इस्तीफा देने के लिए कहा गया, लेकिन जब उन्होंने ऐसा करने से इंकार कर दिया तो मुख्यमंत्री ने उन्हें बर्खास्त कर दिया।
आपको बता दें कि राउत ने ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ आपत्तिजकर टिप्पणी करते हुए उन्हें भिखारी कहा था। पारादीप से विधायक राउत ने कहा था कि राज्य के किसी भी हिस्से में कोई भी आदिवासी भीख नहीं मांगता, वहीं जगह-जगह पर ब्राह्मण भीख मांगते दिख जाते हैं। आपको बता दें कि ओडिशा में ब्राह्मण समुदाय राजनीति के हिसाब से राजनेताओं के लिए फायदेमंद नहीं है। वहां सिर्फ 9 फीसदी ब्राह्मण आबादी है। ऐसे में इस वोटबैंक का उनपर कोई खास असर नहीं पड़ना है। ब्राह्मण समुदाय को खुश रखने की उन्हें कोई खास जरूरत नहीं है। हालांकि राउत के बयान के बाद जगह-जगह पर राउत के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे। जिसके बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राउत से इस्तीफा देने के लिए कहा था, लेकिन जब उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया तो उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया।