इस बार के अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि देश में कुल 3 करोड़ 70 लाख लोग आयकर रिटर्न फाइल करते हैं। 130 करोड़ की आबादी वाले देश में यह आंकड़ा तीन फीसदी से भी कम है। अब नोटबंदी में जिस तरीके से कालाधन बाहर आने की उम्मीद थी वो आता हुआ नहीं दिख रहा। सरकार अब आयकर विभाग के माध्यम से उन सारे बैंक खातों को खंगालने में जुटी है जिनमें ५ लाख या इससे ज्यादा रकम इस नोटबंदी के दौरान जमा की गई है।
बेहिसाब धन की जांच के लिए आयकर विभाग ने 1 करोड़ बैंक खातों की जांच की है और उसका मिलान किया गया है। साथ ही विभाग ने 18 लाख लोगों को नोटिस जारी कर बैंक खाते में उनके द्वारा जमा की गई बड़ी रकम को लेकर स्पष्टीकरण मांगेगा।इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने डेटा बैंक में एक करोड़ से अधिक खातों के जरिये आंकड़ों की छानबीन शुरु की है। इनका मिलान खाताधारकों की इनकम टैक्स की मौजूदा स्थिति से किया गया है।
आयकर रिकॉर्ड के तहत देश में जहां कुल 3.70 करोड़ व्यक्ति इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं वहीं 7 लाख से अधिक कंपनियां, 9.40 लाख हिंदू अविभाजित परिवार तथा 9.18 लाख फर्म हैं, जिन्होंने वित्त वर्ष 2014-15 में आईटीआर फाइल किया। 25 करोड़ शून्य राशि वाले जनधन खाते भी खोले गये हैं। आयकर विभाग सभी श्रेणी के खातों की जांच कर रहा है और ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ के तहत संदिग्ध जमा वाले खाताधारकों को एसएमएस और ईमेल भेजेगा।