नोटबंदी के बाद हर तरफ डिजिटल मनी की चर्चा है, सरकार और तमाम सरकारी एजेंसियां कैशलेस इकोनॉमी की बात कर रही है। लेकिन क्या हम जिस युग में जाने के लिए बेताब हैं उसके लिए पूरी तरह तैयार भी हैं। अभी पिछले दिनों आपने देखा कि देश भर के 32 लाख डेबिट कार्ड्स पर संकट आ गया जब एजेंसियों ने बताया कि इन कार्ड्स के डाटा चोरी हो गए हैं। आज हम आपको एक और चौंकाने वाली जानकारी दे रहे हैं। अगर आप डिजिटल युग में प्रवेश कर रहे हैं और अपने सभी टांजैक्शन डिजिटली करने का मन बना चुके हैं तो आपके लिए यह खबर बहुत ही जरुरी है।
ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के एक्सपर्ट की टीम ने रिसर्च के बाद यह दावा किया है कि महज 6 सेकेंड में आपके डाटा चोरी किये जा सकते हैं। ऑनलाइन भुगतान को धोखाधड़ी से बचाने के लिए किये गये सभी सुरक्षा उपायों को तोड़ने में सफलता हासिल करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि महज 6 सेकंड में कोई हैकर आपके क्रेडिट और डेबिट कार्ड नंबर, उसकी वैलिडिटी खत्म होने की जानकारी और सिक्यॉरिटी कोड का अनुमान लगा सकता है।
ऑटोमैटिक रूप से और सिस्टम के जरिये कार्ड की सिक्यॉरिटी से जुड़ी विभिन्न तरह की जानकारी एकत्रित करके और विभिन्न वेबसाइटों पर इन जानकारियों को डालकर कुछ सेकंड के भीतर ही हैकर सिक्यॉरिटी संबंधी सभी आवश्यक आंकड़े जुटा सकते हैं। रिसर्चर्स का मानना है कि अनुमान लगाकर हमला करने के इस तरीके का उपयोग हाल ही में हुए टेस्को साइबर हमले में किया गया।
न्यूकासल यूनिवर्सिटी की टीम इस मामले पर शोध कर रही है और यह खबर ऐसे समय में आई है जब भारत में नोटबंदी के बाद कैशलेस ट्रांजैक्शन को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल में लाने की सलाह दी जा रही है। न्यूकासल की टीम का मानना है कि अगर आपके पास एक लैपटॉप और इंटरनेट कनेक्शन है तो यह काम बहुत ही आसान है। न्यूकासल यूनिवर्सिटी के पीएचडी के छात्र मोहम्मद अली ने कहा, ‘इस तरह के हमले से दो कमजोरियों का पता लगता है जो अपने आप में बहुत गंभीर नहीं हैं। लेकिन दोनों का इस्तेमाल अगर एक साथ किया जाए तो वे पूरे पेमेंट सिस्टम के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।’
अली ने कहा, ‘वर्तमान पेमेंट सिस्टम विभिन्न वेबसाइटों के जरिये किये जाने वाले भुगतान के कई अमान्य अनुरोधों का पता नहीं लगा पाती है।’ आईईईई सिक्यॉरिटी ऐंड प्राइवेसी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक चूंकि वर्तमान ऑनलाइन सिस्टम में विभिन्न वेबसाइटों के जरिये एक ही कार्ड के लिए कई अमान्य पेमेंट रिक्वेस्ट को समझने की क्षमता नहीं है, इसलिए कई वेबसाइटों के जरिये अनगिनत अनुरोध किये जा सकते हैं। हालांकि टीम ने यह पाया कि केवल वीजा नेटवर्क ही ज्यादा संवेदनशील है।