नोटबंदी के बाद राजनैतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे को लेकर विवाद है। पहले खबर आई कि पार्टियों के खाते में जमा रकम के बारे में कोई पूछताछ नहीं होगी, बाद में वित्त मंत्री ने साफ किया कि नियम में कोई फेरबदल नहीं है बीस हजार से ज्यादा रकम का ब्यौरा देना होगा क्योंकि यही पुराना नियम है और इससे कम रकम गुप्तदान की श्रेणी में आता है। बाद में चुनाव आयोग का सुझाव आया कि 2000 से ज्यादा की रकम का ब्यौरा पार्टियों को देना चाहिए।
इसी बीच एक रिपोर्ट आई है जिसमें राजनीतिक दलों के मिलने वाले चंदे का ब्यौरा है। वित्त वर्ष 2015-16 में देश के 7 राजनीतिक दलों को मिलने वाले 20 हजार रुपए से ज्यादा के चंदे में भारी गिरावट रही है। पार्टियों को सिर्फ 102.02 करोड़ रुपए का डोनेशन मिला है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक, ये रकम 2014-15 के मुकाबले 528 करोड़ रुपए या 84% कम है।
पिछले वित्त वर्ष में बीजेपी को सबसे ज्यादा 76 करोड़ रुपए चंदा मिला है। यह कुल चंदे का करीब 75% है। हालांकि, जबकि बीजेपी का चंदा पिछले साल की तुलना में 82% घटा है। बावजूद इसके दूसरे राष्ट्रीय दलों के मुकाबले बीजेपी का चंदा 3 गुना ज्यादा है।
- कांग्रेस को 20 करोड़ रुपए का चंदा मिला है और यह एक साल में 85% कम हुआ है।
- बीएसपी का दावा है कि उसे कोई चंदा नहीं मिला।
- 7 में से 6 पार्टियों को ही 20 हजार रुपए से ज्यादा का डोनेशन मिला है।
- कांग्रेस को सबसे ज्यादा 1.17 करोड़ रुपए कैश मिले हैं। यह उसे मिले कुल डोनेशन का 6% है।
- कर्नाटक से सबसे ज्यादा 80 लाख और मेघालय से 21.54 लाख रुपए कैश मिला। दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार है।
कॉरपोरेट डोनेशन हासिल करने में बीजेपी सबसे आगे है। उसे सबसे ज्यादा 67.99 करोड़ रुपए का डोनेशन मिला। यह उसके कुल चंदे का 88% है। जबकि कांग्रेस को 8.83 करोड़ रुपए मिले। कॉरपोरेट सेक्टर से पार्टियों को कुल 77.28 करोड़ रुपए डोनेशन मिला है। यह कुल डोनेशन का 75.75% है।
एनसीपी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है
20 हजार रुपए से ज्यादा डोनेशन के मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी को सबसे ज्यादा 98% नुकसान हुआ है। तृणमूल कांग्रेस 92% गिरावट के साथ दूसरे नंबर पर है। बीजेपी का चंदा 82% और कांग्रेस का 85% से ज्यादा घटा है। सिर्फ सीपीआई का चंदा बढ़ा है।
20 हजार रुपए से ज्यादा डोनेशन के मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी को सबसे ज्यादा 98% नुकसान हुआ है। तृणमूल कांग्रेस 92% गिरावट के साथ दूसरे नंबर पर है। बीजेपी का चंदा 82% और कांग्रेस का 85% से ज्यादा घटा है। सिर्फ सीपीआई का चंदा बढ़ा है।
सबसे बड़े दानदाता
- सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट- 45 करोड़- बीजेपी को
- सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट- 2 करोड़- कांग्रेस को
- मनीष लक्ष्मण सारडा- 4 करोड़ – बीजेपी को
- हरियाणा कांग्रेस भवन ट्रस्ट- 2 करोड़ – कांग्रेस को