नई दिल्ली। आज दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भव्य समारोह में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे। सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के तौर पर शुमार हो चुकी है।
देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को समर्पित ये प्रतिमा कई मायनों में खास है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरदार पटेल की जयंती पर गुजरात के नर्मदा जिले स्थित केवड़िया में यह प्रतिमा राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 8 साल पहले गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए पीएम मोदी ने इस प्रतिमा का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि नर्मदा जिले में सरदार पटेल की इतनी बड़ी और भव्य मूर्ति बनेगी, जिसके सामने स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी भी निस्तेज लगेगी। अब 8 साल बाद गुजरात सरकार ने इस प्रजोक्ट को पूरा कर लिया है।
सरदार पटेल की शख्सियत में वो दम था कि उनको सम्मान से लौह पुरुष कहा जाता था। पीएम ने लौह पुरूष की प्रतिमा के लिए देश के कोने-कोने से लोहा मांगा था। इस प्रतिमा को तय समय में पूरा करने के लिए 4076 मजदूरों ने दो शिफ्टों में काम किया। इसमें 800 स्थानीय और 200 चीन से आए कारीगरों ने दिन-रात काम किया। प्रतिमा की लंबाई 182 मीटर रखी गई, इसकी वजह है गुजरात में विधानसभा की 182 सीटें हैं। प्रतिमा में उन सभी की नुमाइंदगी दिखाने की कोशिश की गई है।
अगर प्रतिमा की विशालता की बात करें तो सरकार पटेल की इस प्रतिमा के जैकेट में टंगे बटन का व्यास ही ढाई मीटर से ज्यादा है। प्रतिमा में सरकार पटेल के व्यक्तित्व को भव्यता से दिखाया गया है। प्रतिमा के अंदर 135 मीटर की ऊंचाई पर एक दर्शक दीर्घा बनाई गई है जिससे पर्यटक बांध और पास की पर्वत श्रृंखला को देक सकेंगे। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की भव्यता इतनी ज्यादा है कि इसके सामने हर कोई बौना नजर आता है। सरकार पटेल की इस प्रतिमा के कान की लंबाई भी एक सामान्य इंसान की लंबाई से ज्यादा है। अंगूठे तक भी एक इंसान आसानी से नहीं पहुंच सकता है।