नई दिल्ली। साहित्य जगत ने एक और हीरा खो दिया। वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और स्तंभकार कुलदीप नैयर नहीं रहे। 95 साल की उम्र में कुलदीप नैयर का निधन हो गया। कुलदीप लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। जिसके बाद आज उनका निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कुलदीप नैयर के निधन पर शोक व्यक्त किया।
नैयर का जन्म 14 अगस्त, 1923 को पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने बतौर उर्दू प्रेस रिपोर्टर के तौर पर की, जिसके बाद वो एक के बाद कामयाबी को छूत चले गए। उन्होंने दिल्ली के समाचार पत्र द स्टेट्समैन के संपादक पद का कार्यभार संभाला। उन्होंने भारत सरकार के प्रेस सूचना अधिकारी के पद पर कई साल तक काम किया। इसके अलावा उन्होंने समाचार एजेंसी यूएनआई, पीआईबी, और इंडियन एक्सप्रेस के साथ लंबी पारी खेली। वो 25 सालों तक ‘द टाइम्स’ लंदन के संवाददाता के तौर पर काम करते रहे।
Kuldip Nayar was an intellectual giant of our times. Frank and fearless in his views, his work spanned across many decades. His strong stand against the Emergency, public service and commitment to a better India will always be remembered. Saddened by his demise. My condolences.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2018
पत्रकारिता के साथ-साथ उन्होंने समाज सेवा के काम किए। बतौर एक्टिविस्ट भी वो कार्यरत थे। देश में लगाई गई इमरजेंसी के दौरान कुलदीप नैयर को गिरफ्तार किया गया था। 1975 से 77 तक उन्हें जेल में रहना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी लेखनी को कभी कम नहीं होने दिया। वो सरकार और प्रशासन की ज्यादतियों के खिलाफ लिखते रहे। उन्होंने विरोध प्रदर्शन कर रहे समूह का नेतृत्व किया।
विश्वशांति के लिए काम
कुलदीप नैयर ने अपने जीवनकाल में अपनी लेखनी से विश्वशांति के लिए अथक प्रयास किए। पत्रकारिता के साथ-साथ उन्होंने राज्यसभा सांसद की जिम्मेदारी संभाली। इसके अलावा वो अपनी लेखन से विश्वशांति का प्रयास करते रहे। उन्होंने बतौर मानवाधिकार कार्यकर्ता और शांति कार्यकर्ता भी थे। उन्हें 1996 में संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के प्रतिनिधिमंडल सदस्य के तौर पर शामिल होने का मौका मिला और उन्होंने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया। 1990 में उन्हें ग्रेट ब्रिटेन में उच्चायुक्त नियुक्त किया गया और अगस्त 1997 में राज्यसभा में नामांकित किया गया।
कुलदीप नैयर की किताबें
कुलदीप नैयर की कई भाषाओं पर महारथ हासिल थी। उन्होंने कई किताबें लिखी थी। जिसमें बिटवीन द लाइन्स, डिस्टेंट नेवर: ए टेल ऑफ द सब कॉन्टीनेंट, वॉल एट वाघा, इंडिया पाकिस्तान रिलेशनशिप आदि शामिल है। उन्होंने 14 भाषाओं में 80 से अधिक समाचार पत्रों के लिए कॉलम और ओप-एड लिखा।
कुलदीप नैयर को सम्मान
कुलदीप एक पत्रकार, एक समाजसेवक, एक एक्टिविस्ट, समाजसुधारक और लेखक थे। उन्हें साल 1999 में नॉर्थवेस्ट यूनिवर्सिटी की ओर से ‘एल्यूमिनी मेरिट अवार्ड’, रामनाथ गोयनका लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, साल 2014 में सिविक पत्रकारिता के लिए प्रकाश कार्डले मेमोरियल अवार्ड, सिविक पत्रकारिता के लिए प्रकाश कार्डले मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया गया था ।