नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत आसमान छू रही है। हालात ये हैं कि पेट्रोल की कीमत 100 के आंकड़े को छूने से महज 13 रुपए पीछे रह गई है। वहीं डीजल की कीमतों ने भी रफ्तार पकड़ ली है। डीजल की कीमत भी 75 रुपए के पार हो गई है। जहां एक ओर रुपया नीचे गिरता जा रहा है तो वहीं तेल की कीमतें आसमान छूती जा रही है। भारतीय रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। रुपया सोमवार को डॉलर के मुक़ाबले 21 पैसे टूटकर 71.21पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर की मजबूती के साथ ही देश में तेल की बढ़ती कीमतें परेशानी की वजह बन गई है। सोमवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 79.15 रुपये और मुंबई में 86.56 रुपये तक पहुंच गई। वहीं दिल्ली में एक लीटर डीज़ल 71.15 रुपये और मुंबई में 75.54 रुपये महंगा हो गया है।
गिरता रुपया, चढ़ता तेल, आपके लिए परेशानी की वजह
जानकारों के मुताबिक रुपये में गिरावट और पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमत आम जनता के लिए मुश्किल का सबक बना हुआ है। जहां अगर ऐसा ही चलता रहा तो परेशानी और बढ़ सकती है। विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत तेल की बढ़ती कीमतों से परेशान है। भारत ने बीती तिमाही के दौरान 8.2 फ़ीसदी और पिछली तिमाही में 7.7 फ़ीसदी विकास दर हासिल की, लेकिन कमजोर मुद्रा की वजह से महंगाई पर लगाम लगाने में नाकामियब रहा है।
क्यों गिर रहा है भारतीय रुपया?
आर्थिक मामलों के जानकारों की माने तो दुनिया की कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा डॉलर के मुक़ाबले कमजोर हो रही हैं। भारत ही नहीं तुर्की और अर्जेंटीना जैसे देशों की मुद्रा में गिरावट का दौर जारी है। अमरीका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर की वजह से भारतीय रुपया पिछड़ रहा है। वहीं कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने भी रुपय को नीचे गिराने में काफी मदद की है।
क्यों बढ़ रहे हैं पेट्रोल-डीज़ल की कीमत?
देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दर दिन 15 से 20 पैसे पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं। जानकारों की माने तो रुपये की कमजोरी और कच्चे तेल की बढ़ती कीमत को पेट्रोल और डीज़ल के दाम में बढ़ोतरी हो रही है। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की ऊंची कीमत के साथ- साथ डॉलर में मजबूती के साथ-सात सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स की वजह से तेल की कीमत चढ़ रही हैं। तेल की बढ़ती कीमतों का असर आम जनता पर सबसे ज्यादा हो रहा हैय़ लोगों का घरेलू बजट प्रभावित हो रहा है। महंगाई बढ़ रही है। डीज़ल की बढ़ती कीमतों से किसानों की तकलीफ बढ़ती जा रही है। सबसे अहम बात की इस बढ़ती महंगाई से सरकारी घाटा बढ़ता जा रहा है। जिस जीटीपी के 8.2 फीसदी होने पर सरकार अपनी ठोक रही है जल्द ही उसपर इससका इसका होगा और देश के चालू खाते का घाटा बढ़ता चला जाएगा।