गोवा, 16 अक्टूबर। ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर आतंकवाद को पालने-पोसने के लिए उसपर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि ‘हमारे अपने क्षेत्र में आतंकवाद ने शांति, सुरक्षा और विकास के लिए गंभीर खतरा पैदा किया है। दुखद है कि इसकी जन्मभूमि (मदर-शिप) भारत के पड़ोस में एक देश है। दुनिया भर में आतंकवाद का मॉड्यूल इसी जन्मभूमि से जुड़ा हुआ है।’
पीएम मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा, ‘यह देश सिर्फ आतंकवादियों को शरण नहीं देता, वह एक सोच को पालता-पोसता है। यह सोच सरेआम यह कहती है कि आतंकवाद राजनीतिक फायदों के लिए जायज है। इसी सोच की हम कड़ी निंदा करते हैं।’
विश्व नेताओं को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद आज एक विश्वव्यापी ख़तरा बन चुका है और ब्रिक्स को इस खतरे के खिलाफ एक सुर में बोलना होगा। उन्होंने कहा कि “जिस दुनिया में हम रहते हैं, उसमें अगर अपने नागरिकों के जीवन की सुरक्षा चाहते हैं, तो सुरक्षा और आतंकवाद-निरोधी सहयोग ज़रूरी हैं।”
उन्होंने कहा कि चूंकि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने से आतंकवाद का ख़तरा अधिक घातक और विनाशकारी स्वरूप धारण कर चुका है, इसलिए इसके ख़िलाफ़ हमारी प्रतिक्रिया व्यापक होनी चाहिए और इस दिशा में अपने स्तर से भी और सामूहिक रूप से भी हर ज़रूरी कार्रवाई करने की आवश्यकता है।”
उन्होंने कहा कि “आतंकवाद हमारे विकास और आर्थिक समृद्धि पर काली छाया की तरह है।”
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह ब्रिक्स के संपूर्ण सत्र में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा और ब्राजील के नेता माइकल टेमर हिस्सा ले रहे हैं। आज रात मोदी इन नेताओं के सम्मान में एक डिनर भी देने वाले हैं।
ब्रिक्स बिम्सटेक आउटरीच सम्मेलन में भारत ने बिम्सटेक यानी बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टरल टेक्निकल एवं इकोनॉमिक कोऑपरेशन के देशों बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमार, थाईलैंड और श्रीलंका को भी आमंत्रित किया है। इन सभी देशों के राष्ट्र-प्रमुख इसमें हिस्सा लेने के लिए गोवा पहुंच चुके हैं।