दिगंबर जैन मुनि और अपने कड़वे प्रवचनों के लिए मशहूर तरुण सागर का शनिवार को सुबह निधन हो गया। जैन मुनि तरुण सागर 51 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में स्थित राधापुरी जैन मंदिर में सुबह करीब 3 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
कड़वे प्रवचन वाले मुनि
‘कड़वे प्रवचन’ के नाम से वो लगातार को समाज को एकरसता का संदेश दे रहे थे। मुनि तरुण सागर अक्सर समाज और राष्ट्र जीवन के अहम मुद्दों पर तीखी शब्दों में अपनी राय दिया करते थे। जैन समाज में एक अलग पहचान रखने वाले तरुण सागर को दूसरे धर्म के लोग भी पसंद करते थे और उसकी वजह थी उनकी लोकप्रिय शैली। करीब 20 दिनों पहले उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के बावजूद स्वास्थ्य में सुधार न होने पर उन्होंने अपना इलाज बंद करा लिया था।
प्रधानमंत्री ने भी शोक जताया
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर तरुण सागर जी महाराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा, ‘मुनि तरुण सागर जी महाराज के असमय निधन से गहरा दुख हुआ है। उनके ऊंचे आदर्शों और समाज के प्रति योगदान के लिए हम उन्हें हमेशा याद रखेंगे। उनके विचार लोगों को प्रेरणा देते रहेंगे। जैन समुदाय और उनके असंख्य अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदना है।’
Deeply pained by the untimely demise of Muni Tarun Sagar Ji Maharaj. We will always remember him for his rich ideals, compassion and contribution to society. His noble teachings will continue inspiring people. My thoughts are with the Jain community and his countless disciples. pic.twitter.com/lodXhHNpVK
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2018
कुछ दिनों से वह राधापुरी जैन मंदिर में ही संथारा कर रहे थे। संथारा जैन धर्म की वह परंपरा है, जिसके तहत संत मृत्यु तक अन्न त्याग कर देते हैं। मध्य प्रदेश में 1967 में जन्मे तरुण सागर महाराज का वास्तविक नाम पवन कुमार जैन था। जैन संत बनने के लिए उन्होंने 8 मार्च, 1981 को घर छोड़ दिया था। उन्हें हरियाणा विधानसभा में भी प्रवचन के लिए बुलाया गया था।