पटना। बिहार के मुख्यमंत्री सुशासन का दावा करते हैं, लेकिन आज जो तस्वीर हम आपको दिखा रहे हैं वो इनके इन खोखले दावों की पोल खोल देगा। पहले मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में महिला के शव का अपमान कर उसे कूड़ा उठाने वाले ट्रॉली में रखकर पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया तो अब पूर्णिया से एक तस्वीर सामने आई है तो बिहार सरकार के तमाम दावों की पोल खोल देगा।
पूर्णिया के सदर अस्पताल में एक महिला की मौत के बाद अस्पताल द्वारा वैन अपलब्ध नहीं कराए जाने की वजह से परिवारवालों को शव मोटरसाइकिल में बांधकर ले जाना पड़ा। रिपोर्ट के मुताबिक 50 साल की सुशीला देवी की मौत पूर्णिया के सदर अस्पताल में हो गई। मौत के बाद उसके पति शंकर शाह ने अस्पताल से वैन की मांग की, ताकि वो अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करने के लिए उसे गांव ले जा सके, लेकिन अस्पताल ने उसे ये कहकर वहां से भगा दिया कि उनके पास ऐसी कोई वैन नहीं है वो अपना इंतजाम खुद कर ले।
60 साल के इस मजदूर ने प्राइवेट एंबुलेंस का पता कि तो उन्होंने 2500 रुपए मांगे, जिसके बाद उसके बेटे ने फैसला किया कि वो शव को मोटरसाइकिल पर ही गांव ले जाएंगे। बेटे ने मोटरसाइकिल पर अपनी मां की लाश को बांध दिया और पीछे से पिता को शव को स्पोर्ट देने के लिए बिठा लिया। दोनों इसी तरह से अपनी मां का अंतिम संस्कार करने गांव पहुंचें। इस घटना की तस्वीर सामने आने के बाद पूर्णिया सिविल सर्जन एम एम वसीम ने कहा कि वर्तमान में अस्पताल में कोई वैन उपलब्ध नहीं है और जो है वह वह बेकार है।