नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन की तैयारियां जोरों पर है। महागठबंधन के लिए बिहार बड़ा रोल निभाने जा रहा है। अगर यूं कहे कि बिहार महागठबंधन के लिए केंद्र की भूमिका निभाएगा तो गलत नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन का सबसे बड़ा केंद्र बनने बिहार होगा। ऐसे में कांग्रेस ने बिहार के लिए खास तैयारियां शुरू कर दी है। पार्टी ने बड़ा फेरबदल करते हुए कांग्रेस की कमान मदन मोहन झा को प्रदेश की कमान सौंपी है। वहीं चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किए गए हैं।
कांग्रेस ने बिहार में ब्राह्मण कार्ड खेला है। बिहार में करीब 8 फीसदी ब्राह्मण मतदाता हैं, जो कांग्रेस का परंपरागत वोटबैंक माना जाता था, लेकिन बीजेपी ने पिछले कुछ सालों से कांग्रेस के इस वोटबैंक पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में मदन मोहन झा के जरिए कांग्रेस ब्राह्मण मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रही है। वहीं कांग्रेस के साथ महागठबंधन में अहम भूमिका निभाने वाली आरजेडी यादव, मुस्लिम, दलित और ओबीसी मतों को साधने में जुटी है। कांग्रेस और आरजेडी के इस समीकरण से महागठबंधन के मतों को और मजबूती मिलेगी।
कांग्रेस हैं मदन मोहन झा, जिन्हें मिली ये कमान
आपको बता दें कि मदन मोहन झा का जन्म 1 अगस्त 1956 को हुआ, उनके पिता डॉ. नागेंद्र झा दरभंगा के मनीगाछी के रहने वाले हैंऔर बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं। मदन मोहन झा ने छात्र जीवन से राजनीति में कदम रख दिया था। उन्होंने NUSI के जरिए अपनी सियासी पारीशुरू की। फिर 1985 से 1995 तक विधायक रहे और मौजूदा समय में एमएलसी हैं।मदन मोहन झा कांग्रेस के भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके है। वो बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिवरहे हैं। इसके बाद उन्हें बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और बाद में उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई।