भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी को लेकर सियासी गरमा-गरमी शुरू हो गई है। भाजपा सरकार की इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने पलटवार शुरू कर दिया है। दरअसल पुणे पुलिस की अगुवाई में देशभर में छापेमारी की गई। इस दौरान कई वामपंथी विचारकों को गिरफ्तार किया गया। पुणे पुलिस को माओवादियों की ओर से एक कथित पत्र मिला, जिसमें नक्सल गतिविधियों के लिए प्रतिष्ठित तेलुगू कवि वरवरा राव के कथित ‘मार्गदर्शन’ के लिए उनकी तारीफ की गई थी। इसी के बाद पुणे पुलिस ने कार्रवाई की और देशभर में 5 वामपंथी विचारकों को गिरफ्तार किया, जिसमें वरवरा राव भी शामिल हैं। इन लोगों पर माओवादियों के साथ संदिग्ध जुड़ाव का आरोप लगा है। महाराष्ट्र पुलिस ने कई राज्यों में छापेमारी कर प्रतिष्ठित वामपंथी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।
इस गिरफ्तारी के बाद सियासी पारा गरम हो गया है। कांग्रेस मोदी सरकार पर आरोप लगा रही है। वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी वामपंथी विचारकों के ठिकाने पर हुई छापेमारी का विरोध किया। वहीं मोदी सरकार का पक्ष रखते हुए केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बुधवार को ट्वीट किया और लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माओवादियों को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था, लेकिन अब कांग्रेस अध्यक्ष खुले तौर पर माओवादियों के समर्थकों का समर्थन कर रहे हैं। देश की सुरक्षा को राजनीति से ऊपर रखना चाहिए।
आपको पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का स्टेटमेंट भी बताते हैं। अक्टूबर, 2009 में बतौर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश में सबसे बड़ा खतरा नक्सली ताकतों का है और उनके खिलाफ जिस तरह की सफलता की उम्मीद थी वो नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा था कि खतरा अभी टला नहीं है। उन्होंने कहा था कि सेंट्रल भारत में नक्सलियों की ग्रोथ चिंता का विषय है, ये समस्या आदिवासियों के लिए सबसे ज्यादा है। मनमोहन सिंह ने कहा था कि नक्सलियों का मजबूत होना विकास की रफ्तार को रोक सकता है।
राहुल की बढ़ी मुश्किल
मनमोहन सिंह का ये बयान राहुल गांधी के लिए मुश्किल बन गया है। वामपंथी विचारकों के घरों पर छापेमारी और गिरफ्तारी पर वाम दलों और कांग्रेस को सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि भारत में केवल एक एनजीओ के लिए जगह है, जिसका नाम आरएसएस है। देश में बाकी सारे एक्टिविस्टों, जो मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हैं उन्हें जेल में डाल दो।