दिल्ली का किंग कौन होगा इसे लेकर सुप्रीम में हुई आज की सुनवाई में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट के फैसले से दिल्ली सरकार को राहत मिली है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि एलजी फैसले लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, उन्हें ज नता द्वारा चुनी गई सरकार की सलाह पर काम करना चाहिए। कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एलजी को सरकार की सलाह के साथ काम करना होगा। कोर्ट ने कहा है कि कुछ मामलों को छोड़कर दिल्ली विधानसभा कानून बना सकती है। कोर्ट ने साफ किया कि अगर किसी मामले पर एलजी और कैबिनेट में मतभेद हो तो मामला राष्ट्रपति को भेजें।
मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा ने कहा, केंद्र और राज्य सरकार को आपस में सहयोग और सामंजस्यपूर्ण संबंधों का प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को आपस में मिलकर काम करने की सलाह दी। कोर्ट ने कहा कि सारे फैसले संवैधानिक भावना के अनुरूप होने चाहिए। चीफ जस्टिस ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों का सरकार में एक अहम भूमिका है और ये सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक नैतिकता कुछ लोगों के हाथों में शक्ति की एकाग्रता के विचार को अस्वीकार करता है।
आपको बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने हाईकोर्ट के 4 अगस्त, 2016 के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। दिल्ली के हाईकोर्ट ने अपने फैसले में एलजी को प्रशासनिक प्रमुख बताते हुए कहा गया था कि वे मंत्रिमंडल की सलाह और मदद के लिए बाध्य नहीं हैं। जिसके बाद केजरीवाल सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।