नई दिल्ली। केरल कुदरत के कहर को झेल रहा है। केरल में आई जल प्रलय से यहां लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। 370 जिंदगियां खत्म हो चु की हैं। ये आंकड़ें वो हैं जो फाइलों में दर्ज हैं तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि असलियत कितनी भयानत होगी। लोग दाने-दाने को मोह ताज हो गए हैं। जहां तक आपकी नजर देख सकती हैं, वहां तक सिर्फ पानी ही पानी दिखता है। लगातार हो रही बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। रविवार को बारिश थमने से आखिरकार लोगों ने थोड़ी राहत की सांस जरूर ली, मगर इससे पहले भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से मची त्रासदी ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया और सैकड़ों की जानें ले लीं। सरकारी आंकडों के मुताबिक असम में बाढ़ की विभीषिका के कारण 7,24,649 लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। असम में बाढ़ पीड़ितों के लिए 5,645 राहत शिविर बनाए गए हैं।
एक नजर आंकड़ों पर
- केरल में बाढ़ की त्रासदी को जरा अंकड़ों में देखे तो आप समझ पाएंगे कि यहां कैसे बाढ़ ने तबाही मचाई है, इसका अंदाजा लगा सकते हैं। प्रदेश में बाढ़ के कारण 7,24,649 लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
- केरल में बाढ़ पीड़ितों के लिए 5,645 राहत शिविर बनाए गए हैं।
- राहत और बचाव कार्य में 67 हेलिकॉप्टर, 24 प्लेन, 548 मोटरबोट लगाए गए हैं।
- करीब 1 लाख सेना के जवान, नेवी, एयरफोर्स, कोस्टगॉर्ड, एनडीआरएफ और SDRF के लोगों को केरल में लोगों की मदद के लिए जुटे हैं।
- बाढ़ की वजह से केरल में करीब 16000 किमी. सड़क और 134 पुल बाढ़ में बह गए।
- केरल के सभी जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। अब तक 20000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
क्यों आई केरल में तबाही?
केरल में 100 साल में अब तक ऐसी त बाही नहीं मची। ऐसे में सवाल जरूर उठता है कि आखिर ऐसी तबाही मची क्यों? आखिर ऐसे हालात क्यों बनें? क्या सिर्फ ज्यादा बारिश इसके लिए अकेली जिम्मेदार हैं या फिर कुछ लापरवाही भी इस तबाही के लिए कसूरवार है? हालांकि वजहों का पता तो सरकरी स्तर पर बाद में लगाया जाएगा, क्योंकि सरकार का पूरा फोकस इस वक्त राहत बचाव कार्य पर है। फिलहाल इस तबाही के पीछे जानकार कुछ वजहों को मानते हैं, वो हैं…
केरल में इस मॉनसून सीजन में 42% ज्यादा बारिश हुई, अधिकांश जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। बंगाल और आसपास कम दबाव का क्षेत्र बना रहा, जिसके चलते मानसूनी हवा आगे बढ़ने की बजाय केरल में रुकी रही, जिसकी वजह से यहां लगातार बारिश होती रही।
वहीं कुछ लोगों का मानना है कि सरकार ने बांधों को खोलने में देरी की।बांधों से धीरे-धीरे पानी छोड़ने की बजाय इंतजार किया गया और जब नदियां लबालब हो गईं तब जाकर बांधों को खोला गया। इसकी वजह से पानी से तेज धारा के साथ तबाही मचाई। सरकार ने राज्य के 80 बांधों को खोलने का तब आदेश दिया जब नदियां लबालब हो गई। जब अचानक एक साथ कई बांधों से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया तो हालात बिगड़ गए।
इस देरी की वजह से केरल में 724,649 लोग 5,645 शिविरों में पनाह लिए हुए हैं। अब तक 370 लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य में भारी तबाही हुई है। बाढ़ से भारी नुकसान हुआ। वहीं नौसेना और वायुसेना के जवान इमारतों व जलमग्न घरों से कुल 22,034 लोगों को बचाने मे सफर रहे।
लोगों से मदद की अपील, आप भी कर सकते हैं केरल की मदद
केरल में आई बाढ़ के बाद प्रदेश ने लोगों से मदद की अपील की है। लोगों से मदद मां गी है। वहीं तेलंगाना, दिल्ली, पंजाब सरकार ने केरल को आर्थिक मदद भेजी है। वहीं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधक समिति (NCMC) ने केंद्रीय मंत्रालयों को बाढ़ग्रस्त केरल में आवश्यक सामान और दवाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। केरल में लोगों के लिए भोजन, जल, दवाओं की आपात आपूर्ति के लिए प्रदेश को 50 हजार मीट्रिक टन अनाज (चावल और गेंहू) , 100 मीट्रिक टन दालें , 3 लाख खाद्य पैकेट, 9,300 किलोलीटर केरोसिन, 60 टन आपात दवाएं केरल के लिए भेजी गई है।
वहीं रेलवे राज्य सरकार की जरूरतों को तत्काल पूरा करने के लिए कंबल और चादर उपलब्ध कराएगा। वहीं एयर इंडिया ने बिना किसी कीमत के केरल को आपात सामग्री पहुंचाने की पेशकश की है। रेलवे ने केरल के लिए 14 लाख लीटर पानी के साथ एक विशेष ट्रेन और 8 लाख लीटर पानी के साथ नौसेना का एक जहाज केरल पहुंचा। ये तो सरकारी मदद खी। वहीं देश के लोग भी केरल की मदद के लिए आगे आए हैं।
आप भी कर सकते हैं केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद
केरल में बाढ़ से पीड़ित लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लोगों से मदद की अपील की है। अगर आप केरल की मदद करना चाहते हैं तो आप donation.cmdrf.kerala.gov.in के जरिए कहीं से भी बाढ़ पीड़ितों की मदद कर सकते हैं। आप को इस मदद पर टैक्स में भी 100% छूट मिलती है। ऐसे में हमारी भी अपील है कि हम सब केरल की मदद के लिए आए आएं। वहीं की लोगों की मदद के लिए जितना डोनेट कर सकते हैं उतना जरूर करें।