तेजस्वी और तेजप्रताप दिल्ली में लड़की छेड़ते पकडे गए थे,बिहार की सियासत में आरोप-
प्रत्यारोप जारी
बिहार में सियासी परिवेश अब इस कदर मटमैला हो चला है जिसमे सभी पार्टी के लोग एक दूसरे पर कीचड़ उछालने में लगे हैं। मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले पर बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी ने पटना से लेकर दिल्ली तक नितीश और मोदी के खिलाफ आवाज बुलंद कर नितीश और मोदी सरकार पर करारा वार करना शुरू किया तो भाजपा और जदयू भी कहाँ पीछे रहनेवाले थे। ऐसे ही मौके पर वर्तमान बिहार के उप-मुख्यमंत्री भाजपा नेता सुशील मोदी ने एक ट्वीट के जरिये सियासी माहौल को और ज्यादा गरम कर दिया है।
सुशील मोदी ने 30 जुलाई को ट्वीट कर तेजस्वी और तेज प्रताप पर निशाना साधा था। सुशील मोदी ने लिखा था कि एक जनवरी 2008 को दिल्ली में नव वर्ष उत्सव के दौरान लड़कियों पर फब्तियां कसने और छेड़छाड़ करने के चलते अज्ञात लोगों ने लालू के दोनों बेटों पर हमला कर दिया था। इस घटना में घायल तेज प्रताप और तेजस्वी को अस्पताल में इलाज कराना पड़ा था। उस समय दोनों भाइयों का बचाव करने वाले निजी सुरक्षा अधिकारी की सर्विस रिवाल्वर गायब हो गई थी। अब 9 साल बाद दोनों को नेता मान लिया गया है और सारे सीनियर नेता ठिकाने लगा दिए गए। छेड़खानी की घटना में जिनके नाम आए, वे बच्चियों के हमदर्द होने का नौटंकी कर रहे हैं।
इस खबर के अलावा जदयू के कई नेताओं ने राजद परिवार पर घोर आरोप ये भी लगाया कि शिल्पी की हत्या का क्या हुआ?इनके अपने पारिवारिक सम्बन्धी ने इस काण्ड को अंजाम दिया था। अभी तक शिल्पी को न्याय दिला पाए क्या ? गौरतलब है कि पटना में शिल्पी-गौतम हत्या काण्ड 3 जुलाई 1999 को हुआ था जिसमे दोनों एक गैराज में पार्क किये कार में मृत पाए गए थे और इस काण्ड में लालू यादव के साले और राबड़ी देवी के छोटे भाई साधू यादव का नाम आया था,सी बी आई जाँच भी हुयी पर तंत्र के आगे मजबूर शिल्पी का परिवार न्याय नहीं पा सका। सी बी आई ने केस बंद कर दिया आत्महत्या कहकर। 2006 में फिर शिल्पी के भाई प्रशांत जैन ने केस को रीओपन करना चाहा तो घर के बाहर से ही उसका अपहरण कर लिया गया। ये सारा मामला तब हुआ था जब बिहार में तेजस्वी के माता -पिता बिहार की स्टीयरिंग पर बैठे थे।
इन सभी आरोपों से बौखलाए राजद परिवार को जबाब देते नहीं बन रहा और ऐसे में इनके विरोधी भी उसी तेवर में तेजस्वी पर वार करने लगा है। इसी कड़ी में राजद के वरिष्ठ नरता पूर्व राजयसभा सदस्य शिवानंद तिवारी ने एक ऐसा बयां दे डाला कि भाजपा और जेडीयू को फिर एक बार मौका मिल गया है हमला करने का। दरअसल सुशील मोदी द्वारा तेजस्वी-तेजप्रताप पर लगाए गए छेड़खानी के आरोप की सफाई देते हुए शिवानंद ने कहा कि उस समय जो उम्र दोनों भाईयों की थी वो चुहलबाजी और लड़कियां छेड़नेवाली थी। और ऐसा हो जाता है। उस उम्र में सारे लोग यही करते हैं और लड़किया देखने से नहीं चूकते। अब इसी बयान पर विरोधी टूट पड़े हैं। वो यहाँ तक पूछने लगे हैं कि इस उम्र में तिवारी जी ने क्याक्या किया था वो भी बता दें।
मामला गरमा गया है और दोनों तरफ से तीर चल रहे हैं, देखना ये है कि सियासी उठापटक में मर्यादाओं की सीमा को किस हद तक ये लोग लांघते हैं और पीड़िताओं के दर्द के नाम गन्दी सियासत करते हैं?