नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नवादा के जेल में बंद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के परिजनों से मुलाकात करने पहुंच गए। गिरिराज सिंह का ये कदम चौंकाने वाला था। उन्होंने अपनी इस पहल से साबित कर दिया कि वो वो और बीजेपी के साथ खड़ा होने वाला हिन्दू वोट बैंक नीतीश सरकार के रवैये से नाखुश है। हालांकि उनके इस कदम का क्या साइड इफेक्ट होगा ये देखना होगा। दंगा आरोपियों और उनके परिजनों से मिलने के बाद गिरिराज सिंह रो पड़े। उन्होंने अपनी बेबसी दिखाई। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे। उन्होंने कैलाश विश्वकर्मा से मुलाकात की । इसके बाद वो विश्वकर्मा के परिजनों से मिलने पहुंचे। दंगा आरोपियों और उनके परिवार से मिलने के बाद गिरिराज सिंह भावुक हो गए। उनके आंखों से आंसू निकल पड़े। भावुकता में उन्होंने अपनी बेबसी दिखाई और कहा कि मैं बहुत बेबस हूं, जो इन सबके लिए कुछ नहीं कर पा रहा हूं।
उन्होंने कहा कि जिन कारणों से नवादा में हिंसा भड़की उन लोंगो के खिलाफ प्रशासन ने कुछ भी नहीं किया , लेकिन जो लोग समाज की एकता और अखंडता के लिए प्रयासरत हैं, उन्हें जेल में ढूस दिया गया। उन्होंने कर्रवाई पर उंगली उठाई और कहा कि प्रशासन ने सही आरोपी को पकड़ने के बजाए उन लोगों को पकड़ा जो समाज में एकता के लिए कार्य कर रहे हैं। गौरतलब है कि नवादा में भड़की हिंसा के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को दंगा भड़काने के आरोप में जेल भेज दिया गया। गिरिराज सिंह ने कहा है कि प्रशासन एकतरफा कारवाई कर रही है। पुलिस और इंटेलीजेंस डिर्पाटमेंट की जांच के आधार पर बताया गया कि बिहार में दंगा करने के लिए बाहरी लोग बुलाए गए थे। जांच में ये बात भी सामने आई कि नवादा में दंगा फड़काने के लिए अलग-अलग तीन जिलों से लोगआये थे। दंगा में देसी हथियारों की खरीद की गई थी। रामनवमी से ठीक एक हफ्ते पहले दंगा भड़काया गया। सारे साबूत बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ गए, लेकिन बजरंग जल इससे इंकार करता रहा है।