नई दिल्ली। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सत्ता में आने के बाद लोगों के लिए मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत की। योजना की शुरुआत दिल्लीवासियों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए की गई, लेकिन इस मोहल्ला क्लीनिक का हालत देखकर आपको अंदाजा लग जाएगा कि सरकार जनता के पैसों को कैसे पानी में बहा रही है। जहां लोगों का इलाज होना था वहां गधे आराम फरमा रहे हैं। दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय के विधानसभा क्षेत्र कर्दमपुरी में 1 साल पहले ही मोहल्ला क्लीनिक बनकर तैयार हुआ है, लेकिन आज तक इसका उद्घाटन नहीं हुआ। नतीजतन जहां इंसान के इलाज के बजाए घोड़े व गधे आराम फरमा रहे हैं।
यहां के लोग रात के वक्त अपने जानवरों को लाकर मोहल्ला क्लीनिक में बांध देते हैं। उनका चारा और उसका सामान भी इसी मोहल्ला क्लीनिक में रखा जाता है। उद्घाटन का इंतजार कर रहे इस मोहल्ला क्लीनिक की हालत बिगड़ चुकी है। आसपास गंदगी का अंबार लगा है। इलाज तो दूर यहां 10 मिनट खड़े रहना मुश्किल है। इंसान की बीमारी ठीक होने के बजाए यहां अच्छा भला इंसान बीमार पड़ जाए। सोचने वाली बात ये है कि अगर मंत्री जी के इलाके के मोहल्ला क्लीनिक की ये हालत है तो बाकी जगहों पर इसकी हालात में बारे में आप खुद ही सोच सकते हैं।
अब चलते हैं नूर-ए-इलाही, जनता कॉलोनी में बने मोहल्ला क्लीनिक की तरफ। ये इलाका मंत्री गोपाल राय के इलाके में आता है। मंत्री जी के इलाके में बाबरपुर बस टर्मिनल के पास पता नहीं क्या सोचकर मोहल्ला क्लीनिक बनाया गया। बाद में विरोध हगुआ तो काम आधा-अधूरा छोड़ दिया गया। बस स्टेड के पास टूटा पड़ा ये क्लीनिक अब चाय बेचने के काम आता है। लोगों ने यहां चाय की दुकान लगा दी है। बीमारी तो ठीक होने से रही आप यहां आकर गरमा गरम चाय के मजे जरूर ले सकते हैं।
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी की सरकार अपनी कामयाबी की लिस्ट में मोहल्ला क्लीनिक को सबसे ऊपर रखती है। लेकिन इन मोहल्ला क्लीनिक की हालत देखकर जहां इलाज करने से पहले आप हजार बार सोचेंगे। जहां बने हैं उनका हाल बेहाल है तो कई विधानसभा क्षेत्रों में अब तक ये क्लीनिक फाइलों तक की सिमटी पड़ी है। पुरानी दिल्ली के तीन विधानसभा क्षेत्रों में एक भी मोहल्ला क्लीनिक नहीं बना है। लोगों ने कई बार इसके लिए विधायक जी के पास अर्जी डाली, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी विधायक जी की नजर उस मोहल्ला क्लीनिक वाली अर्जी पर नहीं पड़ी। ऐसे में अपने कामों को छोड़कर दिल्ली के मुखिया पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे हैं।