नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। सरकार पर विपक्ष के बजाए उनके ही नेता सवाल उठा रहे हैं। सरकार के फैसलों पर पहले यशंवत सिन्हा ने उंगली उठाई तो अब पत्रकार से नेता बने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी सरकार के फैसलों पर अपनी नाराजगी जता रहे हैं। अरुण शौरी ने सरकार के नोटबंदी के फैसले को लेकर स वाल उठाया। उन्होंने नोटबंदी को मनी लाउंड्रिंग स्कीम बता दी। अरुण शौरी ने कहा कि नोटबंदी मनी लॉन्डिंग का स्कीम था, जिसे सरकार द्वारा काले धन को सफेद करने के लिए लागू किया गया था। शौरी के अनुसार इस बात का खुलासा आरबीआई गवर्नर ने भी किया है।
शौरी ने आरबीआई गवर्नर के बयान का हवाला लेते हुए कहा कि नोटबंदी के कारण 99 प्रतिशत बैन नोट वापस आए हैं जबकि यह कहा जा रहा था कि नोटबंदी के कदम से टैक्स और काला धन वापस आएगा जो कि वापस नहीं आया है। नोटबंदी के बाद उन्होंने अप नी ही सरकार को जीएसटी को लेकर घेरा। जीएसटी को लेकर शौरी ने कहा कि देश इस समय आर्थिक संकट से परेशान है,वहीं जीएसटी को बहुत ही गलत समय पर लागू किया गया है जो कि एक नासमझी वाला कदम था।उन्होंने इसे जल्दीबाजी में लिया गया फैसला बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस फैसलों के चलते भारत की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है, जिसे सुधारा नहीं जा सकता है, भले ही सरकार दावा कर रही हो कि 2019 तक सब ठीक कर देंगे।