प्रधानमंत्री देश को डिजिटल दुनिया में ले जाना चाहते हैं और उनकी उस दुनिया को आम जनता से रुबरु कराने वाला मीडिया ही संकट में दिख रहा है। पहली बार देश में १ फरवरी को ही बजट पेश कर दिया गया। समय से करीब एक महीने पहले। लेकिन लगता है कि पहले नोटबंदी और फिर बाद में बजट ने कई मीडिया घरानों का बजट हिला दिया है और उनको खस्ताहाल कर दिया है।
देश के बड़े मीडिया घरानों में शुमार एबीपी समूह ने कॉस्ट कटिंग और रिस्ट्रचरिंग के जरिए अपने अंग्रेजी अखबार ‘द टेलिग्राफ’ (The Telegraph) में बड़े पैमाने पर छटनी करने की घोषणा की है। गुरुवार को अखबार में कार्यरत कई पत्रकारों से इस्तीफा मांग लिया गया है। ग्रुप के एक अधिकारी ने बताया कि ‘आनंद बाजार पत्रिका ग्रुप’ (Ananda Bazar Patrika Group) के कोलकाता से निकलने वाले इस अखबार के कर्मचारियों को पिछले साल के अंत में ही छटनी के संकेत दे दिए गए थे।मतलब साफ है कि नोटबंदी का असर इस समूह पर पड़ा है। जिन लोगों की छटनी की गई है वे संपादकीय टीम का हिस्सा हैं।
हटाए जा रहे एक मीडियाकर्मी ने बताया कि निकाले गए पत्रकारों को कुछ शर्तों के साथ 3 महीने से रिटायरमेंट तक का मूल वेतन दिया जा रहा है।इस साल जून में आनंद बाजार पत्रिका के चीफ एडिटर अवीक सरकार द्वारा इस्तीफा देने के बाद से अब उनके छोटे भाई अरुप सरकार इस ग्रुप का संचालन कर रहे हैं।